लोक निर्माण विभाग में 35 साल तक बतौर मेरठ की सेवा देने वाले अफाक अहमद सेवानिवृत्त हुए तो हाथ में पेंशन महज 1100 रुपये आ रही है। 39 हजार वेतन पाने वाले आफाक इस पेंशन से कैसे गुजारा करें, इसी चिंता में उनका पूरा परिवार है। दरअसल, 2009 में नौकरी स्थाई होने से अफाक एनपीएस (न्यू पेंशन स्कीम) की चपेट में आ गए और 2005 के पहले तक लागू सामान्य पेंशन योजना से बाहर हो गए। ऐसे में 2009 के बाद से 2019 तक एनपीएस में जमा धनराशि के हिसाब से 1100 रुपये पेंशन पा रहे हैं।अफाक इस विभाग मे डेलीवेज पर तो 1985 में ही सेवा में आ गए थे, पर उन्हें स्थाई होने में 24 साल लग गए।
लोक निर्माण विभाग में 35 साल तक बतौर मेरठ की सेवा देने वाले अफाक अहमद सेवानिवृत्त हुए तो हाथ में पेंशन महज 1100 रुपये आ रही है। 39 हजार वेतन पाने वाले आफाक इस पेंशन से कैसे गुजारा करें, इसी चिंता में उनका पूरा परिवार है। दरअसल, 2009 में नौकरी स्थाई होने से अफाक एनपीएस (न्यू पेंशन स्कीम) की चपेट में आ गए और 2005 के पहले तक लागू सामान्य पेंशन योजना से बाहर हो गए। ऐसे में 2009 के बाद से 2019 तक एनपीएस में जमा धनराशि के हिसाब से 1100 रुपये पेंशन पा रहे हैं।अफाक इस विभाग मे डेलीवेज पर तो 1985 में ही सेवा में आ गए थे, पर उन्हें स्थाई होने में 24 साल लग गए।