शिक्षकों को परेशानी हो सकती है। बता दें कि लॉकडाउन के दूसरे चरण से ही विद्यालयों को क्वारंटाइन सेंटर बनाया जाने लगा था, शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक अलग-अलग जिलों में करीब एक लाख विद्यालयों को क्वारंटाइन सेंटर बनाने का उद्देश्य यह था कि जो भी बाहर से मजदूर अपने गांव में वापस लौटेंगे उनको गांव में प्रवेश की अनुमति तभी मिलेगी जब वह विद्यालय में रहकर 14 दिनों का क्वारेटाइन काल पूरा करेंगे। हालांकि प्रदेश भर में बेसिक और माध्यमिक मिलाकर कुल 1 लाख 58 हजार स्कूल करीब संचालित हैं जिसमें अधिकांश विद्यालयों का इस्तेमाल किया गया।
शिक्षकों को परेशानी हो सकती है। बता दें कि लॉकडाउन के दूसरे चरण से ही विद्यालयों को क्वारंटाइन सेंटर बनाया जाने लगा था, शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक अलग-अलग जिलों में करीब एक लाख विद्यालयों को क्वारंटाइन सेंटर बनाने का उद्देश्य यह था कि जो भी बाहर से मजदूर अपने गांव में वापस लौटेंगे उनको गांव में प्रवेश की अनुमति तभी मिलेगी जब वह विद्यालय में रहकर 14 दिनों का क्वारेटाइन काल पूरा करेंगे। हालांकि प्रदेश भर में बेसिक और माध्यमिक मिलाकर कुल 1 लाख 58 हजार स्कूल करीब संचालित हैं जिसमें अधिकांश विद्यालयों का इस्तेमाल किया गया।