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    यूपी में स्नातक स्तर पर प्रस्तावित समान पाठ्यक्रम पर शासन ने लगा दी रोक

    उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में प्रस्तावित स्नातक स्तर पर समान पाठ्यक्रम शासन ने स्थगित कर दिया। इसके लिए विश्वविद्यालयों को प्रक्रिया तत्काल प्रभाव से रोकने का निर्देश जारी किया है। ऐसे में नए शैक्षणिक सत्र 2020-21 में वर्तमान में जारी पाठ्यक्रम ही शामिल रहेगा।
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    प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में स्नातक स्तर पर समान पाठ्यक्रम लागू करने की कवायद तीन वर्षो से चल रही थी। 2017 में तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक की अध्यक्षता में कुलपति सम्मेलन में फैसला लिया था। पाठ्यक्रम तैयार करने का जिम्मा गोरखपुर व लखनऊ विश्वविद्यालय को दिया। दोनों विवि ने 16 विषयों का पाठ्यक्रम तैयार किया। शासन ने इसे लागू कराने के लिए बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर सुरेंद्र दुबे की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जिसमें डॉ. भीमराव अंबेडकर विवि आगरा के कुलपति प्रो. अर¨वद दीक्षित, गोरखपुर विवि के कुलपति प्रो. वीके सिंह, रुहेलखंड विवि के कुलपति प्रो. अनिल शुक्ल, लखनऊ विवि के तत्कालीन प्रति कुलपति प्रो. यूएन द्विवेदी बतौर सदस्य शामिल थे। पाठ्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर विश्वविद्यालयों को भेज दी। शासन से निर्देश था कि सभी विश्वविद्यालय इसे विद्वत परिषद और कार्य परिषद के एजेंडे में शामिल कर मंजूरी देंगे। प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विवि समेत प्रदेश के तमाम विश्वविद्यालयों में कवायद शुरू हो गई थी।

    ’>>यूपी में स्नातक स्तर पर प्रस्तावित समान पाठ्यक्रम पर शासन ने लगा दी रोक

    ’>>बुंदेलखंड विवि के कुलपति की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने की थी सिफारिश

    प्रदेश के सभी राज्य विश्वविद्यालयों में नए सत्र 2020-21 से समान पाठ्यक्रम लागू करने की तैयारी थी। फिलहाल इस प्रक्रिया पर शासन स्तर से रोक लगा दी गई है।

    - शेषनाथ पांडेय, कुलसचिव, प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विवि।

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