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    यूपी में 25 हजार मदरसा शिक्षकों को 50 महीने से नहीं मिला मानदेय, शिक्षक भुखमरी के कगार पर पहुंचे

    रामपुर: केंद्र सरकार ने मदरसों की हालत सुधारने के लिए मदरसा आधुनिकीकरण योजना चलाई है। इसके तहत दीनी तालीम के साथ ही दुनियाबी तालीम भी दी जाती है। इसी के लिए हिदी, अंग्रेजी, गणित और साइंस पढ़ाने के लिए शिक्षक लगाए गए हैं। प्रदेशभर में 25500 शिक्षक हैं। स्नातक शिक्षकों को आठ हजार रुपये मानदेय मिलता है। इसमें दो हजार प्रदेश सरकार और छह हजार केंद्र सरकार देती है। परास्नातक शिक्षकों को 15 हजार मानदेय मिलता है। इसमें 12 हजार केंद्र सरकार और तीन हजार प्रदेश सरकार देती है। प्रदेश सरकार अपने हिस्से का मानदेय तो दे रही है। लेकिन, केंद्र सरकार ने 50 माह से मानदेय नहीं दिया है। इससे मदरसा शिक्षकों के सामने आर्थिक समस्या खड़ी हो गई है।
    संयुक्त मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक समूह उत्तर प्रदेश के प्रदेशाध्यक्ष शहजादे अली अंसारी कहते हैं कि मदरसा आधुनिकीकरण योजना केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा संचालित की जा रही है। इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश के 8584 आच्छादित मदरसों में कार्यरत 25500 शिक्षक हैं। जिनमें जनपद रामपुर के 98 आच्छादित मदरसों में 32 स्नातक शिक्षक तथा 231 परास्नातक शिक्षक कार्यरत हैं। इस तरह यहां कुल 263 शिक्षक हैं। पिछले 50 माह से केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने केंद्रांश की धनराशि नहीं दी है, जबकि प्रदेश सरकार अपनी ओर से राज्यांश निरंतर दे रही है।ऐसी स्थिति में शिक्षक भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। इस संबंध में कई आला अफसरों और मंत्रियों को भी अवगत कराया। लेकिन अभी तक मानदेय नहीं मिल सका है।
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