Primary ka master | basic shiksha news | updatemart | basic shiksha | up basic news | basic shiksha parishad | basic news | primarykamaster| uptet primary ka master | update mart | Primary ka master comसुप्रीम कोर्ट के निर्देश की गलत व्याख्या की जा रही है। विज्ञान व गणित विषय की जांच के बाद ही शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिए गए थे | दुर्भाग्यपूर्ण है कि पांच साल बाद भी हमें परेशान किया जा रहा है । आवश्यकता पड़ने पर हम सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखेंगे।-अनिल राजभर, 29334 शिक्षक भर्ती में नियुक्त अध्यापक
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29334 शिक्षक भर्ती:- पांच साल से पढ़ा रहे पर योग्यता तय नहीं, प्रोफेशनल डिग्रीधारकों को लेकर बेसिक शिक्षा परिषद में ऊहापोह
29334 शिक्षक भर्ती:- पांच साल से पढ़ा रहे पर योग्यता तय नहीं, प्रोफेशनल डिग्रीधारकों को लेकर बेसिक शिक्षा परिषद में ऊहापोह
उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 29334 भर्ती के तहत चयनित विज्ञान वगणित विषय के प्रोफेशनल डिग्रीधारक सहायक अध्यापकों की योग्यता बेसिक शिक्षा परिषद नियुक्ति पत्र देने के पांच साल बाद भी तय नहीं कर पा रहा है। सुप्रीम कोर्ट में चल रहे एक मामले के संबंध में परिषद अलग- अलग फार्मेट पर आए दिन बेसिक शिक्षा अधिकारियों से सूचनाएं मांग रहा है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई ) की गाइडलाइन के अनुसार इन शिक्षकों को स्नातक स्तर पर गणित या विज्ञान एक विषय के रूप में पढ़ा होना चाहिए। इसी नियम के आधार पर 11 जुलाई 2013 को शुरू हुई भर्ती में बीटेक ,बीसीए, बीफार्मा,बीएससी (कृषि) बीएससी (होम साइंस) बीएससी बायोटेक व फॉरेस्ट्री आदि प्रोफेशनल डिग्रीधारी अभ्यर्थियों की नियुक्ति की गई थी।
11 जुलाई 2013 को जारी भर्ती के शासनादेश में बीएससी (विज्ञान स्रातक ) को अवसर देने की बात थी। लेकिन 23 अगस्त 2013 को इसमें संशोधन करते हुए स्नातक या समकक्ष उपाधि में गणित या विज्ञान विषय पढ़ने वालों को योग्य माना गया था।
इनकी नियुक्ति हाईकोर्ट के आदेश पर हुई जिसमें अर्हता का विवाद भी निस्तारित हो गया था। 4 अगस्त 2014 को सरकार की ओर से गठित हाई पावर कमेटी ने भी 3 सितंबर 2014 को प्रोफेशनल डिग्रीधारियों के पक्ष में अपनी रिपोर्ट दी थी। ऐसे में नियुक्ति के पांच साल बाद अर्हता को लेकर भ्रम की स्थिति समझ से परे है। बेसिक शिक्षा परिषद के उपसचिव अनिल कुमार ने 21 जुलाई को पहले सभी बीएसए से सूचना मांगी की स्नातक/प्रोफेशनल डिग्री में तीन विषय कौन-कौन से है।
उसके बाद उसी तारीख में अपना पत्र संशोधित करते हुए तीन विषय की बजाय कौन-कौन से विषय इन शिक्षकों की स्नातक/प्रोफेशनल डिग्री में हैं यह जानकारी देने को कहा है। बीएसए कार्यालयों के बाबू सिर्फ अंतिम वर्ष/सेमेस्टर के विषय लिखकर भेज रहे हैं जबकि स्नातक के समस्त वर्षों के विषय लिखकर भेजने हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी चयनितों के स्नातक में गणित या विज्ञान विषय है या नहीं इसकी जानकारी मांगी है लेकिन बीएसए कार्यालयों के बाबू बीएससी विज्ञान को छोड़कर अन्य प्रोफेशनल डिग्रीधारियों की सूची बनाकर भेज दे रहे हैं।