27 जुलाई से 19 अगस्त तक रोज 5 जिलों के लेखाधिकारियों को तलब किया गया है। अब बीएसए से कमान छीनते हुए निदेशालय स्तर पर इसकी ब्यौरा तैयार होगा। हालांकि विभाग लंबे समय से फर्जी शिक्षकों के चिह्नांकन का काम कर रहा है लेकिन इसमें तेजी नहीं आई। जिलों में होने वाले 'खेल' के चलते फर्जी शिक्षक लंबे समय से बचते भी रहे। बीते वर्ष सिद्धार्थनगर बीएसए के स्टेनो को एसटीएफ ने गोरखपुर से फर्जी शिक्षकों को बचाने के लिए 10 लाख की डील करते रंगे हाथों पकड़ा भी।
एसटीएफ, एसआईटी व जिला स्तरीय समित के अलावा केजीबीवी में प्रमाणपत्रों की जांच, मानव संपदा पोर्टल से फर्जी शिक्षकों की पहचान की गई है। शिक्षकों को प्रारम्भिक वेतन लगभग 40 हजार मिलता है। लिहाजा, एक शिक्षक की नौकरी यदि 10 साल भी रही तो लगभग 40 से 50 लाख तक की रिकवरी एक शिक्षक से होगी।
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