नई दिल्ली : नई शिक्षा नीति आने में जितना वक्त लगा, उसके क्रियान्वयन में संभवत: उतनी देरी न हो। सरकार ने इसे लेकर एक विस्तृत रोडमैप तैयार किया है, जिसके तहत 2024 तक नीति के ज्यादातर प्रावधानों को लागू कर दिया जाएगा। मंत्रलय के नाम में बदलाव सहित स्कूली शिक्षा में प्री-प्राइमरी को शामिल करने जैसे प्रावधानों को इसी साल लागू करने का प्रस्ताव है।
इस तरह का होगा रोडमैप : मंत्रलय ने नीति को अंतिम रूप देने के साथ ही इसे लागू करने का एक रोडमैप भी तैयार किया है। नीति के सभी प्रावधानों को लागू करने की एक समयसीमा तय की गई है। 75 फीसद प्रावधानों को 2024 तक लागू करने का लक्ष्य है। मंत्रलय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक मोटे तौर पर नीति में करीब 60 बदलावों का प्रस्ताव है, जिसमें शुरुआत के दो सालों में बीस प्रावधान लागू हो जाएंगे।
हर साल होगी समीक्षा : समय सीमा में पूरी शिक्षा नीति को लागू कराने के लिए उच्चस्तरीय कमेटी भी गठित की जाएगी जो केंद्र और राज्यों के बीच नीति के अमल पर नजर रखेगी। हर साल नीति के अमल की समीक्षा भी की जाएगी जिसमें संबंधित पक्षों के साथ केंद्र और राज्यों के अधिकारी शामिल होंगे। इसके साथ ही तय रोडमैप के तहत जब पूरी नीति 2035 तक लागू हो जाएगी, तो इसकी एक व्यापक समीक्षा भी की जाएगी। नीति पर ठीक तरीके से अमल हो रहा है या नहीं, इस पर अगले दस सालों तक नजर रखी जाएगी। खासबात यह है कि इस कमेटी में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ विषय विशेषज्ञों की पूरी टीम होगी जो हर छोटे-बड़े प्रावधानों को लागू करने की बारीकियों को परखेगी।
’>>ज्यादातर प्रावधान 2024 तक हो जाएंगे लागू, निगरानी को बनेगी कमेटी
’>>स्कूली शिक्षा में बदलाव जैसे प्रावधान इसी साल से लागू करने का प्रस्ताव
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली : नई शिक्षा नीति को भले ही अब मंजूरी मिली हो, लेकिन पाठ्यक्रम में बदलाव का काम पहले ही शुरू हो चुका है। फिलहाल नेशनल कैरीकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) को तैयार किया जा रहा है, जिसे इस साल के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत पाठ्यक्रम की कोर विषय वस्तु की पहचान करना और कौन सी ऐसी विषय वस्तु जिसे हटाया जा सकता है, उसे पहचानना है। नीति को लागू करने का सबसे पेचीदा पहलू स्कूलों के लिए नया पाठ्यक्रम तैयार करना है। यही वजह है कि सरकार भी इसे लेकर पूरी सतर्कता के साथ आगे बढ़ने की रणनीति पर काम कर रही है।
पाठ्यक्रम में बदलाव को लेकर शुरू हो चुका है काम