प्रयागराज। प्रदेश के कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पकड़ में आने के बाद शासन स्तर पर प्रदेश के परिषदीय एवं माध्यमिक विद्यालयों में 2010 के बाद चयनित शिक्षकों की जांच शुरू हो गई है। बीएसए ने खंड शिक्षाधिकारियों के माध्यम से सभी शिक्षकों से तीन दिन के भीतर जरूरी अभिलेख मांगे हैं।
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अभिलेख देने के साथ शिक्षकों को अपनी ओर से एक शपथ पत्र भी देना होगा, जिसमें किसी प्रकार की गलती पर रिकवरी सहित वेतन की वसूली और एफआईआर कराने की बात कही गई है।
जिला स्तर पर एडीम नजूल की अध्यक्षता में गठित जांच कमेटी ने तय किया कि यह पता लगाया जाएगा कि जिन अध्यापकों का नाम चयन सूची में थे, क्या वास्तव में वही शिक्षक वर्तमान समय में काम कर रहें या नहीं। यह भी पता लगाने को कहा गया है कि जिन शिक्षकों का नाम चयन सूची में है, क्या उन्होंने उस पद के लिए आवेदन किया था। इसके लिए उनके शैक्षिक प्रमाणपत्रों का सत्यापन करना होगा।
दिव्यांगजनों के प्रमाणपत्रों की बारीकी से जांच की जाए। चयनित अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों के साथ उनके पैन, आधार के बारे में भी जानकारी मांगी गई है। बीएसए संजय कुमार कुशवाहा की ओर से जिले के सभी खंड शिक्षाधिकारियों को जारी पत्र में सभी शिक्षकों से शपथ पत्र भी मांगा गया है, जिसका प्रोफार्मा भी उसमें दिया गया है.