Uptet help , primary ka master, primary ka master current news, primarykamaster, basic siksha news, basic shiksha news, upbasiceduparishad, uptet
पिछले तीन सालों में बर्खास्त 61 परिषदीय शिक्षकों से वेतन के रूप में ली राशि की रिकवरी होगी। इन शिक्षकों ने फर्जी या कूटरचित दस्तावेजों से नौकरी हासिल की थी। जांच के दौरान फर्जीवाड़ा का पता लगने पर इनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई थी। इनमें से 52 के खिलाफ एफआईआर भी कराई गई है।
बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय कुशवाहा ने एक जुलाई को खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि इन शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर कराते हुए रिकवरी सर्टिफिकेट जारी किया जाए। बेसिक शिक्षा निदेशक ने आरसी की कॉपी भी मांगी है। आश्चर्य की बात है कि 2016 और 2017 में जिन शिक्षकों को बर्खास्त किया गया उनके खिलाफ अब तक कार्रवाई नहीं की गई है। इस पर बेसिक शिक्षा निदेशक ने नाराजगी जताई है। यदि कोई खंड शिक्षा अधिकारी लापरवाही करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को संस्तुति भेजी जाएगी। बीएसए ने 19 दिसंबर 2019 को भी खंड शिक्षा अधिकारियों को एफआईआर और वसूली के निर्देश दिए थे। लेकिन खंड शिक्षा अधिकारियों ने कार्रवाई नहीं की। बीएसए ने बताया कि नियुक्ति तिथि से वेतन भत्ते व अन्य देयकों के रूप में भुगतान हुए देयकों का आगणन करते हुए आरसी जारी करने के निर्देश दिए हैं।बता दें कि आगरा विश्वविद्यालय के 2004-05 सत्र के फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर परिषदीय स्कूलों में बड़ी संख्या में शिक्षकों की भर्ती का खुलासा होने के बाद से विभाग ने सख्ती दिखाई है। हाईकोर्ट के आदेश पर पूरे प्रदेश में इन शिक्षकों की सेवाएं समाप्त की जा रही हैं। माध्यमिक शिक्षा विभाग में भी जांच-पड़ताल शुरू हो गई है।