है। खासकर उन परीक्षाओं में जिसमें परीक्षार्थियों की तादाद काफी अधिक है। उप्र लोकसंवा आयोग की खंड शिक्षा अधिकारी परीक्षा और बीएड परीक्षा की तारीख करीब आ गई हैं। दोनों में इम्तिहान देने वालों की तादाद काफी अधिक है। भले ही परीक्षा केंद्र पर पहुंचने में प्रतियोगी शारीरिक दूरी का किसी तरह से अनुपालन कर सकते हैं, लेकिन परीक्षा छुटने पर उसका तार-तार होना तय है। प्रतियोगी हैं कि बीईआ की परीक्षा के लिए केवल 18 मंडलों पर कंद्र बनाए गए हैं जिससे परीक्षार्थियों को न्यूनतम 200 किलोमीटर की दूरी अकेल ब्राइक पर या सार्वजनिक परिवहन से तय करनी होगी। कारोना की वजह से जब एक बाइक पर दो लोगों का बैठना मना है तब महिलाओं को केंद्र तक कौन लेकर जाएगा 2? सभी मास्क, रुमाल, गमछा पहने होंगे तो डिजिटल हाईटक नकल के साधनों पर लगाम लगाना भी चुनौती भरा रहगा। दोनों परीक्षाओं में करीब 10 लाख प्रतियोगी हैं उनके परीक्षा देकर घर जाने पर स्वयं और परिवार में बुजुर्गों को यह संक्रमण हो जाने पर कौन जिम्मेदार होगा ? जब इस तरह को परीक्षा सामान्य दिनों में होती है तब ट्रेन, बस और शारीरिक दूरी की बात नहीं रहती उस समय परिवहन व्यवस्था ध्वस्त हो जाती है इस संक्रमण काल में पर्याप्त व्यवस्था काफी कठिन होगा। प्रतियोगी लगातार परीक्षा फिलहाल टालन की मांग कर रह हैं, वहीँ परीक्षा संस्थाएं इम्तिहान कराने पर अड़ी हैं।
है। खासकर उन परीक्षाओं में जिसमें परीक्षार्थियों की तादाद काफी अधिक है। उप्र लोकसंवा आयोग की खंड शिक्षा अधिकारी परीक्षा और बीएड परीक्षा की तारीख करीब आ गई हैं। दोनों में इम्तिहान देने वालों की तादाद काफी अधिक है। भले ही परीक्षा केंद्र पर पहुंचने में प्रतियोगी शारीरिक दूरी का किसी तरह से अनुपालन कर सकते हैं, लेकिन परीक्षा छुटने पर उसका तार-तार होना तय है। प्रतियोगी हैं कि बीईआ की परीक्षा के लिए केवल 18 मंडलों पर कंद्र बनाए गए हैं जिससे परीक्षार्थियों को न्यूनतम 200 किलोमीटर की दूरी अकेल ब्राइक पर या सार्वजनिक परिवहन से तय करनी होगी। कारोना की वजह से जब एक बाइक पर दो लोगों का बैठना मना है तब महिलाओं को केंद्र तक कौन लेकर जाएगा 2? सभी मास्क, रुमाल, गमछा पहने होंगे तो डिजिटल हाईटक नकल के साधनों पर लगाम लगाना भी चुनौती भरा रहगा। दोनों परीक्षाओं में करीब 10 लाख प्रतियोगी हैं उनके परीक्षा देकर घर जाने पर स्वयं और परिवार में बुजुर्गों को यह संक्रमण हो जाने पर कौन जिम्मेदार होगा ? जब इस तरह को परीक्षा सामान्य दिनों में होती है तब ट्रेन, बस और शारीरिक दूरी की बात नहीं रहती उस समय परिवहन व्यवस्था ध्वस्त हो जाती है इस संक्रमण काल में पर्याप्त व्यवस्था काफी कठिन होगा। प्रतियोगी लगातार परीक्षा फिलहाल टालन की मांग कर रह हैं, वहीँ परीक्षा संस्थाएं इम्तिहान कराने पर अड़ी हैं।