उच्चतम न्यायालय। शिक्षामित्रों को उम्मीद है कि उन्हें उच्चतम न्यायालय से न्याय मिलेगा। हालही में केंद्र सरकार की तरफ से लगाई गई नई शिक्षा नीति में शिक्षामित्रों का पूरी तरह से अस्तित्व समाप्त कर दिया जायेगा जिन्होंने स्कूलों में 15 साल तक पढ़ाया अब उन्हें शिक्षा विभाग की तरफ से बाहर निकाल दिया जायेगा। सरकार के इस कदम की वजह से प्रदेश के लाखों शिक्षामित्र परेशान हैं। आखिर अब उम्र के इस पड़ाव पर उनका क्या सहारा रहेगा। बता दें बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत बहुत से शिक्षामित्र 50-55 साल की उम्र को पार कर चुके हैं। उम्र के इस पड़ाव पर होने की वजह से वह बेहतर तरीके से पढ़ाई नहीं कर पाए और न ही टीईटी की परीक्षा पास कर पाएं और न ही सुपर टेट की। ऐसे में अब जब उनकी नौकरी के कुछ वर्ष ही बचे हैं। ऐसे में इन्हें अब सरकार की तरफ से बाहर निकालने की पूरी तैयारी कर ली गई है। सरकार के इस निर्णय से अब प्रदेश के हजारों शिक्षामित्र परेशान हैं। बता दें पूर्व में रही सपा सरकार ने प्रदेश के करीब एक लाख 37 हजार शिक्षामित्रों को नियमित करके उनकी मेहनत का अवार्ड दिया था लेकिन अब उन्हें 2022 में बाहर का रास्ता दिखा दिया जायेगा।
उच्चतम न्यायालय। शिक्षामित्रों को उम्मीद है कि उन्हें उच्चतम न्यायालय से न्याय मिलेगा। हालही में केंद्र सरकार की तरफ से लगाई गई नई शिक्षा नीति में शिक्षामित्रों का पूरी तरह से अस्तित्व समाप्त कर दिया जायेगा जिन्होंने स्कूलों में 15 साल तक पढ़ाया अब उन्हें शिक्षा विभाग की तरफ से बाहर निकाल दिया जायेगा। सरकार के इस कदम की वजह से प्रदेश के लाखों शिक्षामित्र परेशान हैं। आखिर अब उम्र के इस पड़ाव पर उनका क्या सहारा रहेगा। बता दें बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत बहुत से शिक्षामित्र 50-55 साल की उम्र को पार कर चुके हैं। उम्र के इस पड़ाव पर होने की वजह से वह बेहतर तरीके से पढ़ाई नहीं कर पाए और न ही टीईटी की परीक्षा पास कर पाएं और न ही सुपर टेट की। ऐसे में अब जब उनकी नौकरी के कुछ वर्ष ही बचे हैं। ऐसे में इन्हें अब सरकार की तरफ से बाहर निकालने की पूरी तैयारी कर ली गई है। सरकार के इस निर्णय से अब प्रदेश के हजारों शिक्षामित्र परेशान हैं। बता दें पूर्व में रही सपा सरकार ने प्रदेश के करीब एक लाख 37 हजार शिक्षामित्रों को नियमित करके उनकी मेहनत का अवार्ड दिया था लेकिन अब उन्हें 2022 में बाहर का रास्ता दिखा दिया जायेगा।