Education Department
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पढ़ाई के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पढ़ाई के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा
इस शैक्षिक सत्र से सभी आंगनबाड़ी में प्री-प्राइमरी स्कूलों की पढ़ाई की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। राज्य से लेकर ब्लॉक स्तर तक 4 हजार से ज्यादा ट्रेनर तैयार किए जाएंगे। प्रदेश में 1.89 लाख आंगनबाड़ी हैं जिनमें से 1.15 लाख आंगनबाड़ी या तो प्राइमरी स्कूलों के प्रांगण में हैं या फिर पास में ही हैं। नई शिक्षा नीति में 3 से 6 साल तक के बच्चों की पढ़ाई के लिए भी निर्देश हैं । यूपी में प्रशिक्षण फरवरी 2021 तक पूरा होगा।
केंद्र ने इस मद में 8 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। राज्य शैक्षिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने पाठ्यक्रम, लर्निंग आउटकम और प्रेरणा तालिका तैयार कर दी है। प्रशिक्षण यूनिसेफ के सहयोग से चलेगा। राज्य और जिला ट्रेनों के लिए पहले ऑनलाइन मूल्यांकन किया जाएगा और इसके बाद ही चयन सूची जारी की जाएगी। इन दो समूहों का प्रशिक्षण ऑनलाइन होगा। इसके बाद ब्लॉक स्तरीय टीम आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को प्रशिक्षण छोटे-छोटे समूहों में देगी।
लखनऊ। प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्रों को प्री-प्राइमरी स्कूल के रूप में संचालित करने के लिए प्री- प्राइमरी का पाठ्यक्रम तैयार कराया जा रहा है। स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने बताया कि राज्य शैक्षिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान और महिला एवं बाल विकास विभाग प्री प्राइमरी स्कूल के लिए पाठ्यक्रम और सीखने के मापदंड भी तैयार कर रहा है।
पाठ्यक्रम को ऐसा बनाया जा रहा है कि परिषदीय स्कूलों में दाखिला लेने पर बच्चों को कक्षा एक से एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम पढ़ने में कोई परेशानी न हो। सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को पाठ्य सामग्री भी मुहैया कराया जाएगा। जिससे बच्चों में पढ़ने, लिखने ब समझने की क्षमता विकसित होगी। नई शिक्षा नीति-2020 में 3 से 6 बर्ष की आयु वर्ग के बच्चों के लिए प्री-प्राइमरी स्कूल में शिक्षा देना अनिवार्य है। इसे निशुल्क व शिक्षा के अधिकार अधिनियम के दायरे में लाने की बात भी कही गई है।
स्कूलों के संचालन के लिए रिसोर्स ग्रुप : प्री प्राइमरी स्कूल के संचालन के लिए ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर रिसोर्स ग्रुप का गठन किया जाएगा। राज्य स्तरोय ग्रुप में तीन सौ सदस्य होंगे। इसमें हर जिले के बाल विकास परियोजना अधिकारी, दो मुख्य सेविका और बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को शामिल किया जाएगा।