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    यूपी में खुलेंगे नए स्ववित्त पोषित महाविद्यालय:- शिक्षकों, कर्मचारियों की भर्ती होने से रोजगार का होगा सृजन

    महाविद्यालयों की स्थापना के लिए 30 से 40 लाख रुपये मिलेगा अनुदान

    -उच्च शिक्षा निदेशालय ने निजी प्रबंधतंत्रों से 21 सितंबर तक मांगे आवेदन
    -ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों के लिए उच्च शिक्षा तक आसन होगी पहुंच
    प्रयागराज। प्रदेश में नए स्ववित्त पोषित महाविद्यालयों की स्थापना के लिए उच्च शिक्षा निदेशालय ने निजी प्रबंधतंत्रों से आवेदन मांगे हैं। इन महाविद्यालयों की स्थापना असेवित विकास खंडों में की जानी है। प्रबंधतंत्रों को वित्तीय वर्ष 2020-21 के तहत महाविद्यालयों की स्थापना के लिए 30 से 40 लाख रुपये अनुदान के रूप में दिए जाएंगे। नए स्ववित्त पोषित महाविद्यालयों की स्थापना से रोजगार का सृजन होगा और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले विद्यार्थियों के लिए उच्च शिक्षा तक पहुंच आसान होगी।
    आवेदन के लिए मानक तय किए गए हैं कि स्ववित्त पोषित महाविद्यालय वहां स्थापित किए जाने हैं, जहां पूर्व से सहशिक्षा के लिए कोई संकाय या महिला महाविद्यालय संचालित न हो। असेवित विकास खंड सीमा से संयुक्त दूसरे असेवित विकास खंड की स्थिति में स्थापित किए जाने वाले महाविद्यालय की पारस्परिक सीधी दूरी (एरियल डिस्टेंस) पांच किलोमीटर से कम न हो एवं छात्र-छात्राओं की उपलब्धता सुनिश्चित हो। साथ ही प्रस्तावित महाविद्यालय की स्थापना के लिए भूमि भू-अभिलेखों में ‘महाविद्यालय द्वारा सोसाइटी’ के नाम संक्रमणीय भूमिधर के रूप में अनिवार्य रूप से दर्ज हो एवं संयुक्त हो और महाविद्यालय के लिए संपर्क मार्ग अनिवार्य रूप से स्थित हो।
    सहशिक्षा महाविद्यालय की स्थापना के लिए 10 हजार वर्ग मीटर और कन्या महाविद्यालय के लिए पंाच हजार वर्ग मीटर भूमि अनिवार्य है। संस्था के आय का स्नोत कम से कम पांच लाख रुपये वार्षिक या उससे अधिक हो। इसके योजना के स्नातक स्तर पर विज्ञान संकाय के लिए अधिकतम 40 लाख और कला/वाणिज्य संकाय के लिए अधिकतम 30 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा। अनुदान तीन किस्तों में दिया जाएगा। आवेदन पत्र ट्रेजरी चालान के माध्यम से 21 सितंबर तक प्राप्त एवं जमा किए जा सकते हैं। 21 सितंबर को शाम पांच बजे के बाद आवेदन पत्र स्वीकार नहीं किए जाएंगे। जिन प्रबंधतंत्रों द्वारा पूर्व में आवेदन किए गए थे, लेकिन महाविद्यालय की स्थापना के लिए अनुदान स्वीकृत नहीं हुआ था, उन्हें नए सिरे से आवेदन करने होंगे।
    प्रदेश में नए स्ववित्त पोषित महाविद्यालयों की स्थापना के लिए प्रबंधतंत्रों से आवेदन मांगे गए हैं। इसके लिए अनुदान दिया जाएगा। इससे ग्रामीण इलाकों में रहने वाले छात्र-छात्राओं के लिए उच्च शिक्षा के अवसर बढ़ेंगे। साथ ही शिक्षकों, कर्मचारियों की भर्ती होने से रोजगार का सृजन होगा। डॉ. वंदना शर्मा, उच्च शिक्षा निदेशक

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    शिक्षक भर्ती

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