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    New Education Policy (NEP) 2020: राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर कॉन्क्लेव को कल संबोधित करेंगे पीएम मोदी

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल यानी 7 अगस्त, 2020 को, 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा में परिवर्तनकारी सुधार' कॉन्क्लेव में उद्घाटन भाषण देंगे. पीएम वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अपना संबोधन देंगे. कॉन्क्लेव का आयोजन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) द्वारा किया जा रहा है.

    कॉन्क्लेव में राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के तहत शामिल उच्च शिक्षा के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करने वाले सत्र होंगे. इनमें से कुछ पहलुओं को शामिल किया जाएगा, जिनमें होलिस्टिक, बहु-विषयक और भविष्यवादी शिक्षा, गुणवत्ता अनुसंधान और शिक्षा में बेहतर पहुंच के लिए प्रौद्योगिकी का समान उपयोग शामिल है. इसके अलावा केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक', केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री संजय धोत्रे भी इस सम्मेलन में भाग लेंगे.
    कॉन्क्लेव में वक्ताओं ने ड्राफ्ट एनईपी, यूजीसी के अध्यक्ष, एआईसीटीई के अध्यक्ष, यूजीसी सचिव, वीसी, निदेशकों और प्रख्यात संस्थानों, विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के प्राचार्यों के लिए समिति के सदस्यों को शामिल किया.
    कार्यक्रम को एचआरडी मंत्रालय के फेसबुक पेज, सोशल मीडिया हैंडल और यूजीसी के यूट्यूब चैनल और पीआईबी यूट्यूब चैनल पर लाइव स्ट्रीम किया जाएगा. कॉन्क्लेव का प्रसारण डीडी न्यूज पर भी किया जाएगा.
    राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को कैबिनेट में 29 जुलाई को मंजूरी दी गई थी। नीति स्कूल और उच्च शिक्षा प्रणाली में कुछ बड़े बदलावों की रूपरेखा तैयार करती है. नीति में पेश किए गए प्रमुख परिवर्तनों में से एक है शिक्षा की 10 + 2 रूपरेखा से 5 + 3 + 3 + 4 साल की उम्र के शुरुआती बचपन और शिक्षा (ECCE) का मजबूत आधार माना जा रहा है.
    उच्च शिक्षा में, नीति "संबद्ध महाविद्यालयों" की प्रणाली को "वर्गीकृत स्वायत्तता" की एक प्रणाली के माध्यम से 15 साल की अवधि के लिए समाप्त करने का परिचय देती है, जो बहु-अनुशासनात्मक विकल्पों को प्रोत्साहित करने के लिए धाराओं के बीच कोई कठिन अंतर नहीं है, और शोध और अनुसंधान विश्वविद्यालय पर ध्यान केंद्रित करता है.
    नयी शिक्षा नीति में हुए हैं कई बदलाव
    बीते सप्ताह कैबिनेट द्वारा पारित नयी शिक्षा नीति में कई बड़े बदलाव किये गये हैं. नयी शिक्षा नीति के जरिये 34 साल से चल रही पुरानी शिक्षा नीति में व्याप्त खामियों को दूर करने का प्रयास किय गया है. बोर्ड परीक्षाओं में किये गये बदलावों को इसमें सबसे बड़े बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है. इसके तहत वर्ष में दो बार छात्र बोर्ड परीक्षा में शामिल हो सकते हैं. साथ ही छात्रों को अधिक सीखाने पर जोर दिया गया है. जबकि परीक्षा के मूल्यांकन को कम प्राथमिकता दी गयी है.

    UPTET

    शिक्षक भर्ती

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