निजी स्कूलों में शिक्षकों की जो दयनीय हालत है, उस पर भी इस शिक्षा नीति ने चुप्पी साध ली है। शिक्षकों की सेवा शर्तों में सुधार किए बिना तथा निजी स्कूलों के प्रबंधकों को नियंत्रित किए बगैर कैसे शिक्षकों को सम्मान मिलेगा यह समझ के बाहर है। परिचर्चा में मुन्नीलाल, बृजेश कटियार, नरेंद्र सिंह, डॉ. चंद्रभान यादव, राम सिंह, शिव भान सिंह शामिल रहे। संचालन लालचंद पटेल ने किया।
निजी स्कूलों में शिक्षकों की जो दयनीय हालत है, उस पर भी इस शिक्षा नीति ने चुप्पी साध ली है। शिक्षकों की सेवा शर्तों में सुधार किए बिना तथा निजी स्कूलों के प्रबंधकों को नियंत्रित किए बगैर कैसे शिक्षकों को सम्मान मिलेगा यह समझ के बाहर है। परिचर्चा में मुन्नीलाल, बृजेश कटियार, नरेंद्र सिंह, डॉ. चंद्रभान यादव, राम सिंह, शिव भान सिंह शामिल रहे। संचालन लालचंद पटेल ने किया।