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Primary Ka Master : स्कूल में पढ़ाया नहीं तो कटेगा वेतन, शिक्षकों के लिए जारी हुए ये आदेश
Primary Ka Master : स्कूल में पढ़ाया नहीं तो कटेगा वेतन, शिक्षकों के लिए जारी हुए ये आदेश
शासन ने पढ़ाई की गुणवत्ता और लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में समय अवधि और कार्यों का निर्धारण कर दिया है। आदेशानुसार स्कूल के समय में अब शिक्षकों को सिर्फ पहले ही करानी होगी। पूरे सत्र में 240 दिनों की कक्षाएं लगाई जाएंगी। स्थानीय स्तर यदि कोई अवकाश होता है तो वह भी जिलाधिकारी की अनुमति के बिना नहीं होगा। उत्तर प्रदेश सरकार की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) को आदेश जारी किए है।
1 अप्रैल में 30 सितंबर तक स्कूलों का समय सुबह 8 बजे से दोपहर 2 वजे तक और 1 अक्टूबर से 31 मार्च तक सुबह १ बजे से दोपहर 3 बजे तक रहेगा। स्कूलों में इस दौरान रोजाना 15 मिनट की प्रार्थना सभा और योगाभ्यास होगा। शिक्षकों को हर दिन पढाए गए पिछला पाठ का अध्ययन कराना होगा। न्यूनतम 240 शिक्षण दिन संचालन सुनिश्चित किया जाएगा। वहीं, बेसिक शिक्षा परिषद के नियंत्रण वाले स्कूलों में परिषद से जारी अवकाश तालिका के अलावा स्थानीय स्तर पर जिला अधिकारी की अनुमति के अलावा किसी भी अधिकारी को कोई अवकाश स्वीकृत करने की इजाजत नहीं है।
कम हुआ गर्मियों की छुट्टियों का आनंद :शासन से जारी आदेश में अब गर्मियों की छुट्टियों का आनंद कम कर दिया गया है 20 मई से अब केवल 15 जून तक ही गर्मियों की छुट्टियां रहेंगी शीतकालीन छुट्टियों को 31 दिसंबर से 14 जनवरी तक कर दिया गया है। अभी तक शिक्षकों को विभिन्न निरीक्षण-बैठक आदि के लिए 40 रजिस्टर तैयार करने पड़ते थे। अब उन्हें 14 रजिस्टर तैयार करने होंगे। विद्यालय अवधि में कोई भी रैली, प्रभात फेरी, मानव श्रृंखला नवाचार गोष्ठी आदि कार्य न किया जाए।
शिक्षक नेताओं की बात
समय सारणी और कार्य निर्धारण के संबंध में सरकार का शासनादेश राइट टू एजुकेशन और केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति के विरुद्ध है। आदेशानुसार शिक्षण का समय और पाठ्यक्रम को कम करके गुणवत्ता की बात की जा रही है। इस नीति से बच्चों के दिमाग पर अतिरिक्त दबाव पड़ेगा। - विनोद कुमार शर्मा, मंडल अध्यक्ष, पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ
एक नजर में देखो तो शासनादेश अच्छा लग रहा है। इससे लगता है कि शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कामों से बचाने का प्रयास है। मगर पूरा शासनादेश के अध्ययन से पता चलता है कि इससे बच्चों पर पढ़ाई का दबाव बढ़ जाएगा। - नरेश गंगवार, जिला अध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक संघ
इसमें कई चीजें ऐसी है जो पहले से है, मगर इसमें कुछ चीजें अव्यवहारिक है जैसे बैंक में जाना, किसी ऑफिस में नजाना यदि स्कूल के बाद इन सब में जाएंगे तब तक यह भी बंद हो चुके होंगे।
भानु प्रताप, यूटा जिलाध्यक्ष
शिक्षकों के लिए जारी हुए ये आदेश
स्कूल खुलने से 15 मिनट पहले और छुट्टी होने के 30 मिनट वाद तक शिक्षकों को स्कूल में ही उपस्थित रहना है। जिससे अगले दिन की तैयारी की जा सके।
स्कूल समय में शिक्षकों का अवकाश स्वीकृत कराने या अन्य काम से ब्लॉक या जनपद स्तरीय कार्यलय में जाने की अनुमति नहीं है। छुट्टी के लिए मानव संपदा पोर्टल पर ही आवेदन किया जाएगा।
स्कूल समय में कोई भी शिक्षक पासबुक एंट्री, ग्राम प्रधान से बात, एमडीएम संबंधी बात आदि कार्यों से बाहर नहीं जा सकते। ऐसा करने वालों पर वेतन कटौती की कार्रवाई की जाएगी।
छात्रों के लगातार अनुपस्थित होने पर उसके घर जाकर संपर्क किया जाए।