लेकिन सरकारी माध्यमिक स्कूलों के बच्चों के हालात अनुकूल नहीं हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक आरएन विश्वकर्मा की ओर से राजकीय, सहायता प्राप्त एवं वित्तविहीन स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 9 से 12 तक के बच्चों का सर्वे कराया गया तो उसमें यह हकीकत पता चली कि 19 प्रतिशत छात्र-छात्राओं के पास स्मार्टफोन, लैपटॉप, टैबलेट या टीवी उपलब्ध नहीं है। यानि अप्रैल से शुरू हुई ऑनलाइन पढ़ाई के चार महीने बीतने के बावजूद ये बच्चे ऑनलाइन कक्षाओं, यू-ट्यूब जैसे इंटरनेट पर आधारित माध्यम तो दूर टेलीविजन के स्वयंप्रभा चैनल पर प्रसारित होने वाले शैक्षणिक कार्यक्रमों का भी लाभ नहीं उठा पा रहे।
लेकिन सरकारी माध्यमिक स्कूलों के बच्चों के हालात अनुकूल नहीं हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक आरएन विश्वकर्मा की ओर से राजकीय, सहायता प्राप्त एवं वित्तविहीन स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 9 से 12 तक के बच्चों का सर्वे कराया गया तो उसमें यह हकीकत पता चली कि 19 प्रतिशत छात्र-छात्राओं के पास स्मार्टफोन, लैपटॉप, टैबलेट या टीवी उपलब्ध नहीं है। यानि अप्रैल से शुरू हुई ऑनलाइन पढ़ाई के चार महीने बीतने के बावजूद ये बच्चे ऑनलाइन कक्षाओं, यू-ट्यूब जैसे इंटरनेट पर आधारित माध्यम तो दूर टेलीविजन के स्वयंप्रभा चैनल पर प्रसारित होने वाले शैक्षणिक कार्यक्रमों का भी लाभ नहीं उठा पा रहे।