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    Teachers Bharti : आरक्षण के भंवर में फंस गई डिग्री शिक्षक भर्ती, निदेशालय और आयोग के बीच लटका मामला

    प्रयागराज : अधिकारियों की अदूरदर्शिता का खामियाजा युवाओं को भुगतना पड़ रहा है। भर्ती निकलने की आस में बैठे प्रतियोगियों का इंतजार बढ़ता जा रहा है। वहीं, अधिकारी किसी न किसी बहाने से भर्ती लटकाए हैं। कुछ ऐसा ही चल रहा है असिस्टेंट प्रोफेसर पद की भर्ती में। कई साल इंतजार करने के बाद भर्ती का अधियाचन बिना सारी प्रक्रिया पूरी किए जारी कर दिया गया। अधियाचन में क्षैतिज आरक्षण न लगाने के कारण प्रक्रिया लटक गई है। फाइल उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग व उच्च शिक्षा निदेशालय के बीच दौड़ रही है। जिम्मेदार उचित कार्रवाई करने से कतरा रहे हैं।
    प्रदेश अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) डिग्री कालेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर 4500 के लगभग पद खाली हैं। खाली पदों को भरने के लिए जून 2019 में विज्ञापन जारी होना था। लेकिन, अधिकारियों की सुस्त कार्यप्रणाली के कारण विज्ञापन जारी नहीं हुआ। कुछ माह पहले शासन ने उच्च शिक्षा निदेशालय को 3900 पदों का अधियाचन जारी करने की अनुमति दे दी। प्रथम चरण में निदेशालय ने 11 अगस्त को उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग को 1303 पदों का अधियाचन भेजा। लेकिन, उसमें क्षैतिज आरक्षण के तहत महिला, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित, दिव्यांग अभ्यर्थियों का कोटा निर्धारित नहीं किया। इससे आयोग ने विज्ञापन जारी नहीं किया। आयोग ने उच्च शिक्षा निदेशक से आरक्षण निर्धारित करने की गुजारिश की है। उक्त मामले में उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. वंदना शर्मा का कहना है कि आरक्षण किस रूप में लागू करना है, उसके बारे में शासन से पूछा जाएगा। शासन जैसी अनुमति देगा उसी के अनुरूप कार्रवाई की जाएगी। बिना शासन की अनुमति लिए आरक्षण की कार्रवाई नहीं की जाएगी।

    2016 के बाद निकलेगी भर्ती

    उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने इससे पहले विज्ञापन संख्या 47 के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर पद की भर्ती निकाली थी। उक्त विज्ञापन के तहत 35 विषयों में 1150 पदों की भर्ती निकली थी।

    पदों का अधियाचन प्रथम चरण में निदेशालय ने 11 अगस्त को उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग को भेजा

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    शिक्षक भर्ती

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