प्रवक्ता संस्कृत भर्ती 2016 में एक प्रश्न के उत्तर पर अभ्यíथयों को आपत्ति है। प्रश्न था ‘ग्रामं गच्छस्तृणं स्पृशति’ में ‘तृणम्’ पद में द्वितीया विभक्ति किस सूत्र से होती है? इस प्रश्न का चयन बोर्ड उत्तर माना है ‘तथायुक्तं चानिप्सितम्’ जबकि अभ्यíथयों का कहना है कि इस प्रश्न का उत्तर ‘कर्मणि द्वितीया’ होगा। वैसे, यही प्रश्न प्रवक्ता परीक्षा 2013 में भी आया था। चयन बोर्ड ने उसमें इसका उत्तर ‘कर्मणि द्वितीया’ को सही माना था। वही गलती दोहराने पर यह याचिका दाखिल की गयी थी। याचियों की ओर से अधिवक्ता हौसला प्रसाद मिश्र ने बहस की। बताया कि याचियों ने 14 नवंबर 2019 को प्रत्यावेदन देकर आपत्ति की है। लेकिन, उत्तर में सुधार नहीं किया गया।
प्रवक्ता संस्कृत भर्ती 2016 में एक प्रश्न के उत्तर पर अभ्यíथयों को आपत्ति है। प्रश्न था ‘ग्रामं गच्छस्तृणं स्पृशति’ में ‘तृणम्’ पद में द्वितीया विभक्ति किस सूत्र से होती है? इस प्रश्न का चयन बोर्ड उत्तर माना है ‘तथायुक्तं चानिप्सितम्’ जबकि अभ्यíथयों का कहना है कि इस प्रश्न का उत्तर ‘कर्मणि द्वितीया’ होगा। वैसे, यही प्रश्न प्रवक्ता परीक्षा 2013 में भी आया था। चयन बोर्ड ने उसमें इसका उत्तर ‘कर्मणि द्वितीया’ को सही माना था। वही गलती दोहराने पर यह याचिका दाखिल की गयी थी। याचियों की ओर से अधिवक्ता हौसला प्रसाद मिश्र ने बहस की। बताया कि याचियों ने 14 नवंबर 2019 को प्रत्यावेदन देकर आपत्ति की है। लेकिन, उत्तर में सुधार नहीं किया गया।