सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद तदर्थ शिक्षकों को शिक्षामित्रों की तर्ज पर ही सामान्य भर्ती परीक्षा में शामिल होना पड़ेगा और बनने वाली मेरिट में उनका भारांक जोड़ा जाएगा। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने नियमित भर्ती कराने के आदेश भी दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट के केस से लगभग दो हजार याचिकाकर्ता जुड़े थे। हालांकि तदर्थ शिक्षक एसोसिएशन का दावा है कि प्रदेश में 17 हजार तदर्थ शिक्षक हैं।
16000 शिक्षकों के पदों पर होगी भर्ती
फिलवक्त सेवा चयन बोर्ड 16,000 पदों को चिह्नित कर भर्ती कराने की तैयारी कर रहा है। प्रदेश में 4500 से अधिक सहायता प्राप्त इंटर कॉलेज हैं लेकिन अव्वल तो इनमें नियमित भर्ती होती नहीं और जो भी भर्ती होती है, वह विवादों में फंस जाती है। बीते 10 सालों में 2011, 2013 व 2016 में चयन बोर्ड ने भर्तियां की लेकिन अब भी 2011 तक की भर्ती प्रक्रिया भी पूरी नहीं हो सकी है। नियमित शिक्षकों के अभाव में रिक्त पद पर प्रबंधन तदर्थ शिक्षकों को नियुक्त कर देता है।