कुछ वर्षो में तमाम माध्यमिक विद्यालयों की मान्यता दी गई। कई जगहों पर मानकों की अनदेखी का भी आरोप लगा फिर भी मान्यता दी गई। इसका नतीजा यह हो रहा है कि विद्यालय शिक्षण कार्य के लिए जरूरी संसाधन भी नहीं जुटा पा रहे हैं। कुछ जगहों पर जैसे तैसे कक्षाएं चला रही हैं लेकिन उनमें स्तरीय शिक्षण कार्य नहीं हो रहा है। ऐसे में विद्यार्थियों की संख्या भी कम रह रही है। अब 17 विद्यालय ऐसे प्रकाश में आए हैं जहां कोई दाखिला ही नहीं हो रहा है। इनमें करछना तहसील के चार, सोरांव के चार, सदर तहसील के सात, फूलपुर के दो विद्यालय शामिल हैं जब कि दो विद्यालय पूर्व में बंद हो चुके हैं। उन्होंने मान्यता भी वापस कर दी है।
डीआइओएस आरएन विश्वकर्मा ने बताया कि जिन विद्यालयों में कोई दाखिला नहीं हो रहा है उन्हें चिह्न्ति किया जा चुका है। सभी से छात्रों की संख्या शून्य होने को लेकर सवाल भी किया जा रहा है। अधिकांश ने संसाधनों के न होने की बात कही है। अब इनकी मान्यता समाप्त कराने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।
तीन विद्यालयों के परीक्षा परिणाम शून्य : तीन ऐसे विद्यालय हैं जिनके परीक्षा परिणाम शून्य रहा। रामसेवक इंटर कालेज में 10 विद्यार्थी पंजीकृत थे। आठ ने हाईस्कूल परीक्षा दी। सभी अनुत्तीर्ण हो गए। राजपति यादव हायर सेकेंड्री स्कूल अधानी में पांच विद्यार्थी पंजीकृत हुए। दो ने परीक्षा दी वे भी उत्तीर्ण नहीं हो सके। श्री एलपी सिंह उच्चतर माध्यमिक विद्यालय करछना में 10 हाईस्कूल में पंजीकृत थे। एक ने परीक्षा थी और अनुत्तीर्ण हो गया।