शिक्षा विभाग में प्रमोशन का अकाल किस कदर व्याप्त है, इसका अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि महकमे में समूह ‘ख’ के 1448 पद सृजित हैं। इनमें से आधे यानी 724 पद सीधी भर्ती के हैं, जिन पर राजकीय इंटर कॉलेजों के प्रधानाचार्य, सहायक जिला विद्यालय निरीक्षक और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की भर्ती होती है। वहीं शेष 50 फीसद पद पदोन्नति के हैं, जो खंड शिक्षा अधिकारियों और राजकीय हाईस्कूलों के प्रधानाध्यापकों के प्रमोशन से भरे जाते हैं। पदोन्नति के 724 पदों में 718 खाली हैं। खंड शिक्षा अधिकारियों को पिछली बार वर्ष 2013 में प्रमोशन मिला था और तब से वे पदोन्नति की बाट जोह रहे हैं। पदोन्नति का यह अकाल हर स्तर पर व्याप्त है। विभाग में निदेशक के चार पद सृजित हैं, लेकिन प्रमोशन न होने से दो पद अरसे से खाली हैं। निदेशक पद से अवधनरेश शर्मा अप्रैल 2018 और अमरनाथ वर्मा मई 2019 में रिटायर हो गए, लेकिन इन पदों पर प्रमोशन में शासन ने कोई रुचि नहीं दिखाई। इस बीच अपर निदेशक साहब सिंह निरंजन निदेशक बनने की हसरत संजोये रिटायर हो गए, जबकि दो साल पहले ही निदेशक पद पर प्रमोशन का हकदार बनने के बावजूद अपर निदेशक विनय पांडेय माध्यमिक शिक्षा निदेशक की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। अपर निदेशक के 12 में से चार यानी एक-तिहाई पद प्रमोशन के इंतजार में खाली हैं। संयुक्त निदेशक, उप निदेशक और जिला विद्यालय निरीक्षक के भी कई पद खाली हैं।
पदनाम -सृजित पद -रिक्त पद
निदेशक >> 4 >> 2
अपर निदेशक 12 4
संयुक्त निदेशक 22 3
उप निदेशक 108 34
जिला विद्यालय निरीक्षक - 198 - 23
नियमावली बनते ही होंगे खंड शिक्षा अधिकारियों के प्रमोशन
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ.सतीश चंद्र द्विवेदी के का कहना है कि खंड शिक्षा अधिकारियों की सेवा नियमावली न होने के कारण उनका प्रमोशन नहीं हो पाया है। इस समस्या को दूर करने के लिए फिलहाल नियमावली बनायी जा रही है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि अगले एक या दो महीने में नियमावली तैयार कर ली जाएगी।