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    सुप्रीम कोर्ट में अफसरों के बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाने पर सुनवाई टली

    नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने के लिए अधिकारियों के बच्चों को उन्हीं स्कूलों में पढ़ाने के आदेश पर अमल न किए जाने के खिलाफ अवमानना याचिका पर सुनवाई छह हफ्ते के लिए टाल दी। जस्टिस एस अब्दुल नजीर की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता शिव कुमार त्रिपाठी को याचिका की प्रति राज्य सरकार के वकील को देने का निर्देश देते हुए सुनवाई टाल दी। कोर्ट ने इस मामले में फरवरी में तत्कालीन मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय को अवमानना नोटिस जारी किया था अब मुख्य सचिव बदल गए हैं, इसलिए कोर्ट ने याचिकाकर्ता को राज्य सरकार के वकील को फिर याचिका की प्रति देने को कहा है।
    याचिका में गुहार लगाई गई है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के 18 अगस्त, 2015 के आदेश पर अब तक अमल न होने से राज्य के मुख्य सचिव के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही होनी चाहिए। हाईकोर्ट ने यूपी बेसिक शिक्षा बोर्ड के स्कूलों की खराब स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा था कि नौकरशाह, नेताओं और अमीर लोगों के बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ते हैं, इसलिए ये लोग सरकारी स्कूलों का स्तर सुधारने की ओर ध्यान नहीं देते। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को निर्देश दिया था कि वह अन्य जिम्मेदार अधिकारियों के साथ परामर्श से उचित कार्रवाई कर यह सुनिश्चित करें कि सरकारी कर्मचारी, अर्ध सरकारी कर्मचारी, स्थानीय निकाय के प्रतिनिधियों के बच्चे सरकार प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ें। ब्यूरो

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