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    बेरोजगारी के खिलाफ कांग्रेस और सपा कार्यकर्ताओं ने मोमबत्ती जलाकर जताया विरोध, ट्विटर से लेकर सोशल मीडिया तक छाया रहा मुद्दा

    केंद्र व उत्तर प्रदेश सरकार की असफलता और बेरोजगारी के खिलाफ कांग्रेस एवं समाजवादी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने रात को 9:00 बजे मोमबत्ती जलाकर विरोध जताया। देश में बढ़ती बेरोजगारी एवं महंगाई व भ्रष्टाचार के विरोध में दोनों पार्टियों ने संयुक्त रूप से केंद्र व प्रदेश सरकार की आलोचना की।
    कार्यकर्ताओं और नेताओं का कहना था कि केंद्र सरकार तमाम विभागों में निजीकरण करने की फिराक में है। उसे नौजवानों और किसानों की चिंता नहीं है। हर साल दो करोड़ नौकरियों का वादा किया गया था लेकिन आलम यह है कि जिन भर्तियों के लिए परीक्षा हुए उनके नतीजे नहीं आ रहे। फॉर्म भरवाया गया लेकिन परीक्षा कब होगी, किसी को नहीं पता।

    बता दें कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने युवाओं से इस अभियान में हिस्सा लेने के लिए अपील की थी। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी इस पहल का समर्थन किया था। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी लगातार बेरोजगारी के मुद्दे को उठा रहे हैं। इसके साथ ही वे कोरोना लॉकडाउन के कारण बनी स्थिति के लिए सरकार पर लगातार हमला कर रहे हैं।

    समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा बुधवार की रात नौ बजे बेरोजगारी-बेकारी के इस अंधेरे मिटाने के लिए बत्तियां बुझाकर क्रांति की मशाल जलाने का जैसे ही ट्वीट किया गया। इसको लेकर पक्ष और विपक्ष में ट्वीट का दौर शुरू हो गया।सपा मुखिया के इस ट्वीट के बाद ट्विटर पर हुए ट्रोल के साथ सोशल मीडिया पर यह वायरल खूब वायरल हुआ। कुछ ने तो बेरोजगारी के लिए अखिलेश को भी जिम्मेदार ठहराया। इसके समर्थन में भी जमकर ट्वीट हुए। सुधीर कुमार- ट्वीट करते हुए लिखते हैं खूब हो गई अपने मन की बात, अब युवाओं के मन की बात सुनिए। फिर आगे लिखते हैं 9 सितंबर 9 बजे 9 मिनट। मोबाइल की लाइट, मोमबत्ती व दिया जाएं और सरकार को जगाएं। रंजीत यादव लिखते हैं- न मंदिर को जानते हैं, न मस्जिद को जानते हैं, जो भूखे पेट होते हैं वो बस निवाले को जानते हैं। हंसराज मीना- बेरोजगारी और निजीकरण के विरोध में अखिलेश का स्वागत है।एक अन्य युवा ने ट्विट किया- बेरोजगारी-बेकारी के इस अंधेरे में अपने नौजवान बच्चों का साथ दें...। आज रात बत्तियां बुझाकर क्रांति की मशाल जलाएं। इसके साथ ही एक स्टीकर चस्पा किया, जिसमें लिखा था जब तक हम एक दूसरे की मदद करते रहेंगे, तब तक कोई नहीं गिरेगा, फिर चाहे व्यापार हो, परिवार हो या समाज। सौरभ कुमार एक स्टीकर अटैच करते हैं, जिसमें लिखा है, हकदार बदल दिए जाते हैं, किरदार बदल दिए जाते हैं। ये दुनिया है साहब यहां मन्नत पूरी हो तो रिश्ते क्या भगवान तक बदल दिए जाते हैं।

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