इन दिशा-निर्देशों के तहत कंटेनमेंट जोन में कोई भी परीक्षा केंद्र नहीं होगा। परीक्षा से जुड़ी सारी गतिविधियां कंटेनमेंट जोन के बाहर ही होंगी। साथ ही कंटेनमेंट जोन में रहने वाले छात्रों को परीक्षाओं में शामिल होने की अनुमति नहीं होगी। ऐसे छात्रों को परीक्षा के लिए दूसरे विकल्प मुहैया कराए जाएंगे या फिर उनकी परीक्षाएं बाद में ली जाएंगी। कंटेनमेंट जोन में रहने वाले शिक्षक और कर्मचारियों को भी परीक्षा केंद्रों से अलग रखा जाएगा। कोरोना संकटकाल में परीक्षाएं कराना वैसे भी विश्वविद्यालयों सहित दूसरे शैक्षणिक संस्थानों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं हैं। हालांकि कोरोना संक्रमण के खतरे के चलते अब तक वह परीक्षाओं को टालते रहे हैं, लेकिन छात्रों के भविष्य और कोरोना संकट के फिलहाल जल्द न खत्म होने की आशंकाओं के चलते इन्हें कराना जरूरी हो गया है।
इन दिशा-निर्देशों के तहत कंटेनमेंट जोन में कोई भी परीक्षा केंद्र नहीं होगा। परीक्षा से जुड़ी सारी गतिविधियां कंटेनमेंट जोन के बाहर ही होंगी। साथ ही कंटेनमेंट जोन में रहने वाले छात्रों को परीक्षाओं में शामिल होने की अनुमति नहीं होगी। ऐसे छात्रों को परीक्षा के लिए दूसरे विकल्प मुहैया कराए जाएंगे या फिर उनकी परीक्षाएं बाद में ली जाएंगी। कंटेनमेंट जोन में रहने वाले शिक्षक और कर्मचारियों को भी परीक्षा केंद्रों से अलग रखा जाएगा। कोरोना संकटकाल में परीक्षाएं कराना वैसे भी विश्वविद्यालयों सहित दूसरे शैक्षणिक संस्थानों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं हैं। हालांकि कोरोना संक्रमण के खतरे के चलते अब तक वह परीक्षाओं को टालते रहे हैं, लेकिन छात्रों के भविष्य और कोरोना संकट के फिलहाल जल्द न खत्म होने की आशंकाओं के चलते इन्हें कराना जरूरी हो गया है।