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    खुशखबरी: चयन बोर्ड अब नहीं कर सकेगा भर्ती शून्य, शिक्षकों के चयन के लिए नियमित भर्ती परीक्षाएं कराने का आदेश

    प्रदेश में बेरोजगारों के लिए बड़ी खुशखबरी है। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र अब भर्ती शून्य नहीं कर सकेगा, बल्कि उसे प्रधानाचार्य, प्रवक्ता व प्रशिक्षित स्नातक शिक्षकों का नियमित चयन करना ही होगा। शीर्ष कोर्ट के आदेश से एडेड माध्यमिक कालेजों में तदर्थ शिक्षकों की नियुक्ति की नौबत नहीं आएगी और पठन-पाठन भी प्रभावित नहीं होगा। इस आदेश से चयन बोर्ड को जल्द भर्ती निकालनी होगी। ज्ञात हो कि एक शिक्षक भर्ती इसी माह घोषित करने की तैयारी है।
    सूबे के 4500 से अधिक अशासकीय सहायताप्राप्त माध्यमिक कालेजों के लिए प्रधानाचार्य, प्रवक्ता व प्रशिक्षित स्नातक शिक्षकों के चयन का जिम्मा चयन बोर्ड पर है। इधर, चार वर्ष से चयन बोर्ड ने कोई नई भर्ती घोषित नहीं की है, जबकि कालेजों में लगातार शिक्षक सेवानिवृत्त हो रहे हंै और बड़ी संख्या में पद खाली पड़े हैं। इसी का लाभ उठाकर कालेज प्रबंधक तदर्थ शिक्षकों की तैनाती करते आ रहे हैं। शीर्ष कोर्ट ने 26 अगस्त को तदर्थ शिक्षकों के विनियमितीकरण मामले की सुनवाई करते हुए अहम फैसला दिया है। फैसले में कई निर्देश में सबसे अहम नियमित शिक्षकों का चयन होना है। बोर्ड भर्तियां घोषित करने में आनाकानी करता आ रहा है। इससे प्रतियोगियों में नाराजगी भी है।

    प्रधानाचार्य भर्ती की लटकीं : चयन बोर्ड अब तक वर्ष 2011 की प्रधानाचार्य भर्ती पूरी नहीं कर सका है। वहीं, 2013 की प्रधानाचार्य भर्ती के साक्षात्कार शुरू तक नहीं हो सके हैं। उसकी अभिलेखों की छंटनी चल रही है। इधर कोई भर्ती घोषित नहीं हुई है।

    एडी माध्यमिक ने मांगा मार्गदर्शन : अपर शिक्षा निदेशक महेंद्र देव ने कोर्ट के अहम ¨बदु शासन को भेजकर मार्गदर्शन मांगा है।

    तदर्थ शिक्षक नियुक्ति की नौबत न आए और पढ़ाई न हो प्रभावित, एक शिक्षक भर्ती इसी माह घोषित करने की तैयारी

    10 वर्षो में केवल तीन भर्तियां
    चयन बोर्ड ने इधर के वर्षो में 2011, 2013 व 2016 में प्रवक्ता व प्रशिक्षित स्नातक शिक्षकों की भर्तियां निकालीं। यानी दस वर्ष में केवल तीन भर्तियां हो सकी हैं, जबकि कालेजों से शिक्षक नियमित अंतराल पर रिटायर हो रहे हैं। 2019 में भर्ती निकालने के लिए चयन बोर्ड ने कोर्ट में हलफनामा भी दिया लेकिन, उसकी राह देखी जा रही है।

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    शिक्षक भर्ती

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