केस टू: गोपाल विद्यालय इंटर कॉलेज कोरांव के शिक्षक आजाद बहादुर सिंह की भी यही स्थिति है। वह 31 मार्च को सेवानिवृत्त होंगे। उन्होंने लॉकडाउन के बाद 18 अप्रैल को स्मार्टफोन खरीदा और अब अपने साथी शिक्षकों और परिवार के सदस्यों की मदद से ऑनलाइन पढ़ाई करा रहे हैं।
इसे शिक्षकों के पढ़ाने का जज्बा कहें या विभाग के दबाव का असर लेकिन एक सच यह भी है कि रिटायरमेंट की उम्र में पहुंच चुके कई शिक्षक अब स्मार्टफोन चलाना सीख रहे हैं। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को यू-ट्यूब, व्हाट्सएप आदि माध्यमों से बच्चों को पढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इसकी निगरानी प्रधानाचार्य से लेकर जिला विद्यालय निरीक्षक और यूपी बोर्ड के सचिव तक कर रहे हैं। ऐसे में कई शिक्षक एंड्रायड फोन खरीदकर उसे सीखने की मशक्कत करते नजर आ रहे हैं।
उदाहरण के तौर पर वशिष्ठ सेवा संघ इंटर कॉलेज महेवा नहवाई मांडा के शिशिर श्रीवास्तव को ही लें। 31 मार्च को रिटायर होने जा रहे शिशिर ने 11 अप्रैल को स्मार्ट फोन खरीदा है। मोतीलाल नेहरू इंटर कॉलेज कौंधियारा के शिक्षक रामदेव भी 31 मार्च को रिटायर होंगे। उन्होंने भी 22 अप्रैल को स्मार्टफोन खरीदा है। इसी स्कूल के संतोष शुक्ला 31 मार्च 2026 को सेवानिवृत्त होंगे। उन्होंने 21 अप्रैल को स्मार्टफ़ोन खरीदकर ऑनलाइन पढ़ाना शुरू किया है।
इनका कहना है
कोरोना ने स्कूली शिक्षा के समक्ष बड़ी चुनौती खड़ी की है। इससे निपटने के लिए पूरा विभाग गंभीरता से प्रयास कर रहा है। निश्चित रूप से शिक्षकों ने अभूतपूर्व सहयोग दिया है। कई शिक्षक रिटायर होने वाले हैं लेकिन इसके बावजूद स्मार्टफोन सीखकर पढ़ाई करा रहे हैं।
आरएन विश्वकर्मा, जिला विद्यालय निरीक्षक