परिषदीय स्कूलों में जिले के अंदर शिक्षकों का तबादला कब? अंतर्जनपदीय तबादले की स्वीकृति बाद अब उठ रहे सवाल
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परिषदीय स्कूलों में जिले के अंदर शिक्षकों का तबादला कब? अंतर्जनपदीय तबादले की स्वीकृति बाद अब उठ रहे सवाल
परिषदीय स्कूलों में जिले के अंदर शिक्षकों का तबादला कब? अंतर्जनपदीय तबादले की स्वीकृति बाद अब उठ रहे सवाल
मुख्यमंत्री ने 52 हजार से अधिक परिषदीय शिक्षकों के अंतर जनपदीय तबादले को मंजूरी दे दी है। 15 अक्टूबर को ट्रांसफर लिस्ट भी जारी हो जाएगी। लेकिन जिले के अंदर तबादले की शिक्षकों की आस इस साल भी अधूरी ही रहेगी। प्रयागराज में 2016 के बाद से एक से दूसरे ब्लॉक में तबादला नहीं हुआ है। ये स्थिति तब है जबकि शिक्षकों का पद जिले के कैडर का होता है और जिले के शिक्षकों को प्राथमिकता मिलनी चाहिए।
तैनाती नियमावली 2010 के अनुसार प्रथम 5 वर्ष पुरुष शिक्षकों की तैनाती पिछड़े व सुदूर के ब्लॉकों में की जाती है। लेकिन जिले में 2013 से अंतर जनपदीय तबादले पर आए शिक्षकों की तैनाती नियमावली के विरुद्ध सामान्य यानी शहर के नजदीक के विद्यालयों में दे दी गई। 2017 में अंतर जनपदीय के साथ ही जिले के अंदर तबादले के आवेदन लिए गए थे।
अंतर जनपदीय तबादले तो हो गए लेकिन जिले के अंदर के तबादले पर कोर्ट ने रोक लगा दी थी। विवाद में 2017 का पूरा सत्र बीत गया और नए शैक्षणिक सत्र का बहाना बनाकर 2017 की जनपदीय स्थानांतरण प्रक्रिया रद्द कर दी गई। 2018 में जनपद के अंदर ट्रांसफर की कोई पॉलिसी नहीं आई सिर्फ पारस्परिक ट्रांसफर हुए।
2019-20 सत्र के लंबित अंतर जनपदीय तबादले के आवेदन को लेकर 20-21 सत्र में तबादले किए जा रहे हैं जबकि जिले के शिक्षकों के 5 वर्ष से अधिक पिछड़े ब्लॉक में सेवा पूरी करने के बावजूद पिछले चार साल से उनके ट्रांसफर पर विचार नहीं हो रहा है। कई शिक्षक दंपति अलग-अलग ब्लॉकों में 100 किमी. से अधिक दूरी पर तैनात हैं और एक ही जनपद में होते हुए भी अलग-अलग आने-जाने को मजबूर हैं। तमाम जनपदीय शिक्षक गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं और सुदूर तैनात हैं लेकिन उनकी सुनवाई भी नहीं हो रही।