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    उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव: राज्य निर्वाचन आयोग ने शुरू की तैयारी, जानें किस माह में इलेक्शन के आसार

    उत्तर प्रदेश में होने वाले त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने तैयारी शुरू कर दी है। पहले चरण में वोटर लिस्ट का वृहद पुनरीक्षण आगामी पहली अक्तूबर से शुरू हो सकता है।
    इस बाबत आयोग की तरफ से सभी जिलाधिकारियों को एक पत्र भेजा गया है जिसमें आगामी 15 सितम्बर से 30 सितम्बर के बीच वोटर लिस्ट पुनरीक्षण के काम में बूथ लेबल आफिसर द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली स्टेशनरी आदि की खरीद के लिए टेण्डर प्रक्रिया पूरी करते हुए खरीद का काम सम्पन्न करवाने को कहा गया है। इसे 'बीएलओ किट' भी कहा जाता है। 

    वोटर लिस्ट पुनरीक्षण का काम करीब साढ़े तीन महीने चलेगा। इसमें ग्रामीण इलाकों में घर-घर जाकर बूथ लेबल आफिसर परिवार के सदस्यों में 18 साल से अधिक उम्र के लोगों का सत्यापन करेंगे। इसके साथ ही वर्ष 2015 से अब तक मृत या दूसरे राज्य चले गये और डुप्लीकेट वोटरों के नाम भी हटाए जाएंगे। 

    यही नहीं वर्ष 2015 से पहली जनवरी 2021  तक ग्रामीण इलाकों में 18 साल की उम्र पूरी करने वाले नए वोटर भी शामिल किए जाएंगे।  वर्ष 2015 के पंचायत चुनाव में करीब 11 करोड़ 80 लाख वोटर थे। पिछले 5 वर्षों में इसमें 10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी मानी जा रही है। इस लिहाज से इस बार की नई वोटर लिस्ट करीब 13 करोड़ वोटरों की बनने की उम्मीद है। 

    प्रदेश में पंचायत चुनाव अगले साल अप्रैल व मई के महीनों में करवाए जाने की उम्मीद है। प्रदेश का पंचायतीराज विभाग और राज्य निर्वाचन आयोग इसी आधार पर अपनी तैयारी कर रहे हैं। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण, शहरी क्षेत्र में शामिल पंचायतों को घटाते हुए नया परिसीमन, सीटों का नए सिरे से आरक्षण निर्धारण  आदि में छह महीने का समय लगेगा।

     वोटर लिस्ट पुनरीक्षण अक्तूबर में अगर शुरू होता है तो उक्त सारे काम अगले साल मार्च तक पूरे हो पाएंगे। अगले साल फरवरी-मार्च में वार्षिक परीक्षाएं भी होंगी। इस लिहाज से पंचायत चुनाव अप्रैल-मई के महीनों में ही होने की उम्मीद है।

    UPTET

    शिक्षक भर्ती

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