लेकर रायशुमारी का दौर बीते छह-सात साल से चल रहा है। उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र जैसे कुछ अतिसंवेदनशील राज्यों को छोड़ दिया जाए तो अधिकतर ने अपनी राय भी दे दी है। यह और बात है कि खुलकर समर्थन करने वाले राज्यों की संख्या कम है, विरोध या चुप्पी साधने वालों की ज्यादा है।
लेकर रायशुमारी का दौर बीते छह-सात साल से चल रहा है। उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र जैसे कुछ अतिसंवेदनशील राज्यों को छोड़ दिया जाए तो अधिकतर ने अपनी राय भी दे दी है। यह और बात है कि खुलकर समर्थन करने वाले राज्यों की संख्या कम है, विरोध या चुप्पी साधने वालों की ज्यादा है।