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    SHIKSHAMITRA : 5 साल संविदा प्रस्ताव का शिक्षामित्र संगठन का विरोध, सरकार पर टिकी शिक्षा मित्रों की उम्मीद

     बरेली। उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरियों में शुरुआती 5 वर्ष तक संविदा कर्मी के रूप में तैनाती के प्रस्ताव पर उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ पुरजोर विरोध करता है। इस प्रस्ताव पर कानून बनाने से पहले जो लोग उत्तर प्रदेश में संविदा पर कार्यरत हैं पहले उन को स्थाई नौकरी प्रदान की जाए। इसके बाद संविदा के प्रस्ताव पर चर्चा की जाए।


    यह बातें उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ला ने मीडिया को बताया। प्रदेश अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ला ने आगे बताया कि शिक्षामित्रों पिछले 20 साल से बेसिक शिक्षा में काम कर रहे हैं लेकिन अब तक उनके मामले में कोई भी निर्णय नहीं किया गया उन्होंने सभी युवाओं से अपील की है कि संविदा की नौकरियों पर आवेदन न करें और इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए आंदोलन करे। 5 साल के संविदा प्रस्ताव को अगर खत्म नहीं किया जाता है तो एक बड़ा आंदोलन शीघ्र होने वाला है जिसमें सभी लोग बढ़ चढ़कर हिस्सा लें। श्री शुक्ला ने आगे बताया कि संविदा की नौकरी में युवा अपना कीमती समय बर्बाद कर देते हैं और संविदा कर्मी युवा सरकार का कुछ नहीं कर पाते है। सरकारें तमाम नियम कानून लाकर उनके जीवन स्तर को सुदृढ़ बनने से रोकने का काम करती है। उत्तर प्रदेश में इस समय शिक्षामित्र, आंगनवाड़ी, रोजगार सेवक, प्रेरक, होमगार्ड, पीआरडी, डेली बेसिस वर्क चार्ज कर्मचारी सहित तमाम लोग प्रदेश और देश में संविदा की नौकरी में अपना जीवन बर्बाद कर रहे है उन्होंने युवाओं से अपील की है कि संविदा की नौकरी कभी न करना। सरकारे हम युवाओं को संविदा की नौकरी में फंसा कर हमारा जीवन बर्बाद करने पर तुले है। उन्होंने आगे अपील की बेरोजगार युवा सोचो और विचार करो कि आने वाला समय में संविदा नाम का ही विरोध करते हुए एक लंबे आंदोलन का आगाज करो।
    जमीन बेच देंगे, गगन बेच देंगे, पर मेरे साथियों अगर हम सब सो गए तो ढोंगी मसीहा कलम बेच देंगे, वतन बेच देंगे।। कोविड महामारी के कारण पिछले 5 महीनों से किसी अधिकारी सरकार में बैठे सरकार के मसीहाओ से सीधा संपर्क नहीं हो सका है। अब प्रदेश में लॉकडाउन की स्थिति समाप्त की ओर है। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ला ने प्रदेश के समस्त शिक्षामित्र भाइयों बहनों से अपील की कि आप अपनी नवचेतना के साथ संगठन के साथ आगे बढे। एक बार सरकार से वार्ता के बाद शीघ्र ही प्रदेश में शिक्षामित्रों की दशा और दिशा में सुधार नहीं हुआ तो एक लंबे आंदोलन का आगाज होगा। जिसमें हम सभी शिक्षक भाइयों बहनों को बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना होगा हम पुनः अपने उसी जज्बे के साथ संघर्ष करेंगे। हम अपने सम्मान और स्वाभिमान के लिए लड़ेंगे लड़ेंगे जीतेंगे जीतेंगे।।

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