प्रयागराज : प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने की अर्हता परीक्षा यानी यूपी टीईटी 2020 दिसंबर में कराने की तैयारी है। कोरोना संकट की वजह से यह परीक्षा कराने की तैयारियों में देरी हुई, पिछले दिनों परीक्षा संस्था ने इसका प्रस्ताव भेजा लेकिन, शासन की ओर से 16 सितंबर को जारी सात परीक्षाओं के निर्देश में इसका जिक्र नहीं था। इससे असमंजस बना है। अब परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव फिर प्रस्ताव भेजकर मार्गदर्शन लेंगे।
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद का निर्देश है कि शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ष में दो बार कराई जा सकती है। केंद्रीय शिक्षा बोर्ड यह परीक्षा दो बार कराता है, वहीं यूपी में टीईटी वर्ष में एक बार होती रही है। पिछले साल की परीक्षा आठ जनवरी 2020 को कराई गई थी। उसमें करीब 16 लाख परीक्षार्थियों ने आवेदन किया था। इस बार कोरोना संक्रमण के कारण परीक्षा को लेकर असमंजस रहा। इधर, बीएड के बाद अन्य कई परीक्षाएं होने से यूपी टीईटी की प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा दिसंबर में कराने की तैयारी है। इसमें आवेदकों की संख्या 10 लाख से अधिक होने की उम्मीद है, क्योंकि पिछले वर्ष सफल होने वालों की तादाद काफी कम रही है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय का कहना है कि अब तक यूपी टीईटी में आर्थिक रूप से पिछड़े अभ्यर्थियों को 10 फीसद आरक्षण नहीं मिल रहा है। यह प्रावधान शामिल होगा। सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी का कहना है कि परीक्षा के लिए शासन के निर्देश का इंतजार है, जल्द ही स्थिति साफ होगी।
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