लखनऊ : आंगनबाड़ी केंद्रों में बंटने वाले पोषाहार में महिला स्वयं सहायता समूहों को सालाना 400 करोड़ रुपये का लाभ होगा। प्रदेश सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषाहार वितरण का काम स्वयं सहायता समूहों को सौंप दिया है। इस निर्णय से जहां ग्रामीण महिलाओं को रोजगार मिलेगा, वहीं पोषाहार की गुणवत्ता भी बेहतर होगी। सरकार ने अपने इस निर्णय से प्रदेश में पंजीरी सिंडीकेट भी तोड़ दिया है।
पंजीरी के नाम पर वर्षों से खेल चल रहा था। इसको लेकर बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में भी भ्रष्टाचार व्याप्त था। सरकार ने व्यवस्था को विकेन्द्रीकृत करते हुए ब्लॉक स्तर पर यह काम महिला स्वयं सहायता समूहों को सौंप दिया है। फिलहाल पोषाहार बनाने व वितरण करने के लिए जरूरी अवस्थापना सुविधाएं विकसित करने के लिए राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने दो वर्ष का समय मांगा है।