69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में 31661 पदों पर भर्ती के मामले में प्रदेश सरकार ने स्वीकार किया है कि चयन में गलतियां हुई हैं और कुछ कम मेरिट के लोगों को नियुक्ति मिल गई। जबकि अधिक मेरिट वालों को नहीं मिल सकी।

इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रही इस मामले की सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से उपस्थित होकर बताया कि एनआईसी और बेसिक शिक्षा परिषद से हुई इस गलती के जांच के लिए सरकार ने कमेटी गठित कर दी है।
उन्होंने कहा कि जो भी गलतियां हुई हैं, उनको सुधारा जाएगा और सरकार गलत चयन रद्द करेगी। संजय कुमार यादव व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने जब महाधिवक्ता से पूछा कि क्या अदालत उनका यह बयान रिकार्ड कर दे तो उन्होंने इस पर सहमति देते हुए कहा कि सूची जारी करने में एनआईसी और बेसिक शिक्षा परिषद के स्तर से हुई गलती को सुधारा जाएगा तथा कम गुणांक वालों को दिया गया नियुक्तिपत्र निरस्त कर अधिक गुणांक पाने वालों को दिया जाएगा।
याची के पक्ष से अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी, अनिल सिंह बिसेन आदि का कहना था कि नियुक्ति पत्र देने के लिए जारी की गई सूची में बहुत से ऐसे मामले हैं, जिनमें कम गुणांक वालों को नियुक्ति पत्र दे दिया गया जबकि अधिक गुणांक पाने वाले चयन से बाहर हैं।
इससे पूर्व कोर्ट ने राज्य सरकार से इस विसंगति के बारे में जवाब मांगा था। महाधिवक्ता के बयान के बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई हेतु 17 नवंबर नियत कर दी है।
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