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    58000 बीसी सखी भर्ती 2021: यूपी बैकिंग सखी की भर्ती करने वाला पहला राज्य, 6 बैंकों से करेंगी लेनदेन

     ग्रामीण क्षेत्रों में 58 हजार बैकिंग करेस्पॉन्डेंट सखी (बीसी सखी) रखने वाला यूपी देश का पहला राज्य बन गया है। करीब आठ हजार बीसी सखी ने बैकिंग का प्रशिक्षण पूरा कर लिया है। शेष का प्रशिक्षण चल रहा है। इन सखियों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में बैकिंग लेनदेन के लिए शुक्रवार को छह बैंकों ने उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के साथ करार किया। प्रदेश सरकार के इस प्रयोग से बैंकों को भी यह उम्मीद जगी है कि देश के अन्य राज्य भी अपने यहां बीसी सखी तैनात करेंगे।


    इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में ग्राम्य विकास विभाग के मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह “मोती सिंह”, अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास विभाग मनोज कुमार सिंह, ग्राम्य विकास आयुक्त के. रविंद्र नायक की उपस्थिति में आजीविका मिशन के निदेशक सुजीत कुमार ने बैंकों के शीर्ष अधिकारियों के साथ करार पर हस्ताक्षर किया।

    स्वदेशी और स्वरोजगार को बढ़ावा देंगी बैकिंग सखी
    मंत्री मोती सिंह ने कहा कि शहरीकरण की ओर उन्मुख लोगों को गांव में ही बैकिंग की सुविधाएं देने की दिशा में यह बड़ा कदम है। बिना बैंक की शाखाओं पर गए गांव में ही बैकिंग सखी के माध्यम से गांवों के लोग आसानी से बैकिंग लेन-देन कर सकेंगे। यह सिर्फ बैकिंग सेवा नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिला सशक्तीकरण के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जो पहल की थी उसका साकार होना भी है। कोरोना काल में महिलाओं ने शानदार काम किया, डब्ल्यूएचओ तक से सराहना हुई। बीसी सखी राज्य में स्वदेशी और ग्राम स्वरोजगार को मजबूती देंगी। बैकिंग सखियों के लिए ड्रेस तय किया जा रहा है, पूरे प्रदेश में एक रंग में ये सखियां दिखेंगी।

    इस कार्यक्रम के दौरान पार्टनर बैंक बैंक आफ बड़ौदा के जीएम व एसएलबीसी के हेड बृजेश कुमार सिंह, फिनो पेमेंट बैंक के चीफ आपरेटिंग आफिसर मेजर आशीष आहूजा, पे-नियरबाय के सीईओ आनंद के बजाज, मनीपाल टेक्नालाजी ग्रुप के सीईओ अभय गुप्ता, मार्गदर्शक एयरटेल पेमेंट बैंक के राहुल मित्रा, तथा पेटीएम पेमेंट बैंक के चीफ बिजनेस आफिसर सजल भटनागर उपस्थित थे।

    फिर से जीवन में चमक आ गई
    इस कार्यक्रम के दौरान ग्राम विक्रमपुर, ब्लाक धनीपुर जिला प्रयागराज की बीसी सखी सरिता गुप्ता ने कहा कि शादी के पढ़ने लिखने के बाद भी वह गांव में बैठी थी। पांच साल बाद बीसी सखी बनकर उनके जीवन में फिर से चमक आई है। छह दिन के प्रशिक्षण में बहुत कुछ सीखने को मिला। समय से उठना, बैकिंग काम करने के साथ ही योगा तक सिखाया गया। संतकबीरनगर जिले से आई बीसी सखी ने कहा कि मैं गर्भवती हूं, ट्रेनिंग के दौरान लोगों के ताने भी सुनने को मिले। लेकिन मुझे बीसी सखी बनने की खुशी है। सीतापुर जिले की बीसी सखी तनबीर बानो ने कहा कि वह पूरी ईमानदारी से इस काम को करेंगी।

    छह माह तक मिलेंगे 4000 रुपये प्रति माह
    बैकिंग सखी को काम करने के लिए जरूरी उपकरण राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा दिया जाएगा। छह महीने तक हर महीने 4000 रुपये मानदेय दिया जाएगा। सखियों को हार्डवेयर के लिए आसान किस्तों पर 75 हजार रुपये ऋण भी दिया जाएगा।

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