प्रयागराज : ‘देश में अशिक्षा, बेरोजगारी व गरीबी का जिम्मेदार आप किसे मानते हैं? क्या नेताओं की नीतियों में कमी है या अधिकारियों की कर्तव्यनिष्ठा ठीक नहीं है। आपकी नजर में गड़बड़ी कौन कर रहा है? मौका मिलने पर आप इसे कैसे ठीक करेंगे?’ कुछ इसी तरह के प्रश्न पीसीएस-2020 के साक्षात्कार के तीसरे दिन शनिवार को पूछे गए। ऐसे सवालों ने अभ्यर्थियों को कुछ पल के लिए परेशान भी किया, लेकिन फिर उन्होंने सूझबूझ से जवाब दिया।
उप्र लोकसेवा आयोग में सात बोर्ड के माध्यम से पीसीएस-2020 के अभ्यर्थियों का साक्षात्कार चल रहा है। हर बोर्ड अभ्यर्थियों से विषय के अलावा उनकी सूझबूझ व नेतृत्व क्षमता परखने के लिए मौजूदा परिस्थितियों पर आधारित प्रश्न भी पूछ रहा है। शनिवार को अलग-अलग अभ्यर्थियों से पूछा गया- ‘जाति आधारित आरक्षण को कितना उचित मानते हैं? आरक्षण समाज के कैसे व्यक्ति को मिलना चाहिए? देश में शिक्षा की क्रांति कब और कैसे आयी? सोशल मीडिया समाज के लिए कितना उपयोगी है, क्या इस पर बंदिश लगाना चाहिए? यूपी सरकार ने पिछले एक साल में कौन-कौन से चर्चित कानून बनाए हैं? साक्षात्कार में 112 अभ्यर्थियों को बुलाया गया था, जिसमें से 108 शामिल हुए।
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