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    लखनऊ: स्कूल बंद यानी शिक्षकों को भी नहीं बुलाया जाएगा, आदेश की स्पष्ट जानकारी न होने पर स्कूल पहुंचे शिक्षक

     लखनऊ। लोग कंफ्यूज न हों, खासकर स्कूल प्रबंधन। स्कूल बंद का मतलब पूरी तरह से बंद है। टीचरों को भी स्कूल नहीं आना है। परीक्षा और प्रैक्टिकल के लिए छूट दी गई है, वो भी कोरोना प्रोटोकॉल के सख्त पालन के दायरे के तहत। यह जानकारी जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने एक बार फिर बृहस्पतिवार को अमर उजाला की ओर से 'जागो लखनऊ जागो' मुहिम के तहत आयोजित बेबिनर में दी. कोरोना संक्रमण के चलते बुधवार को जिलाधिकारी ने स्कूल बंद करने की घोषणा की थी, लेकिन स्पष्ट आदेश न होने की वजह से कुछ स्कूलों ने शिक्षकों को बुला लिया था। वेबिनार में जिलाधिकारी ने आदेशों को स्पष्ट करते हुए कहा कि आने वाले समय में समीक्षा की जाएगी, जैसे हालात होंगे, उसी के आधार पर फैसले होंगे।


    आदेश की स्पष्ट जानकारी न  होने पर स्कूल पहुंचे शिक्षक

    लखनऊ। जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश की ओर से बुधवार को जारी स्कूल बंद के आदेशों के बावजूद बृहस्पतिवार को कई निजी और सरकारी स्कूलों में शिक्षक तय समय पर पहुंच गए। बताया गया कि उन्हें आदेश की स्पष्ट जानकारी नहीं थी। जब पता चला कि शिक्षकों को भी छात्रों की तरह स्कूल नहीं आना है तो वे वापस लौट गए। इसके अलावा परिषदीय विद्यालय, राजकीय और सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में भी कई शिक्षक स्कूल पहुंच गए। अमीनाबाद इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य साहेब लाल मिश्रा ने बताया कि सुबह काफी शिक्षक कॉलेज पहुंच गए थे। बाद में बताया गया कि कॉलेज पूर्ण रूप से बंद है, जिसके बाद जे वापस लौट गए। नगर क्षेत्र समेत काकोरी, बीकेटी, मोहनलालगंज व अन्य ब्लॉकों के परिषदीय विद्यालयों में भी शिक्षक पहुंचे थे, जिन्हें बाद में कार्यवाहक बीएसए पीएन सिंह की तरफ से शिक्षकों को विद्यालय न आने का आदेश मोबाइल पर फॉरिवर्ड कराकर शिक्षकों को वापस भेजा गया।

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