इसी तरह से वे उच्चतर व माध्यमिक में प्रधानाचार्य व शिक्षक आदि का चयन का साक्षात्कार के लिए अ्ह होंगे। आयांग में निर्णय बहुमत के आधार पर लिया जाएगा और किसी मुदृदे पर समान मत होने पर अध्यक्ष को मताधिकार का अधिकार रहेगा। आयोग संचालन के लिए पूर्णकालिक सचिव रहंगा, जा संयुक्त सचिव स्तर से नीचे का नहीं हो सकता है। वहीं, उप सचिव व सहायक सचिव की अधिकतम संख्या पांच हो सकती है। वे प्रथम श्रेणी के अधिकारी या फिर महाविद्यालयों के प्राचार्य व आचार्य आदि हो सकते हैं। आयोग की परीक्षाएं कराने के लिए परीक्षा नियंत्रक भी होगा। वह भी प्रथम श्रेणी स्तर से निम्न का नहीं होगा। इस पद के लिए राज्य सेवा के वरिष्ठ अधिकारी या केंद्रीय प्रशासनिक सेवाओं के अधिकारी नियुक्त हो सकते हैं।
उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा आयोग की शक्ति और कार्यआयोग महाविद्यालय के प्राचार्य, सहायक आचार्य, माध्यमिक के प्रधानाचार्य, प्रवक्ता व एलटी
ग्रेड शिक्षक व प्राथमिक में सहायक अध्यापकों की नियुक्ति के लिए परीक्षाएं या साक्षात्कार
लेगा। परीक्षा प्रणाली, परीक्षकों, साक्षात्कार कर्ताओं की नियुक्ति के पैनल निर्धारित करेगा।
'ख॒' वर्गीय सेवाओं में संबंधित विषय की लिखित परीक्षा व साक्षात्कार के लिए तय अंक के अनुसार मेरिट का निर्धारण होगा। प्रशिक्षित स्नातक व एलटी ग्रेड का चयन होगा।
'ग॒' वर्गीय प्राथमिक शिक्षा में सहायक अध्यापकों का साक्षात्कार नहीं होगा । लिखित परीक्षा में भाषा, ज्ञान, शिक्षक अभिरुचि, सामान्य अध्ययन आधारित लिखित परीक्षा टीईटी व सीटीईटी में मिले अंकों व अभ्यर्थी की मेरिट के अंक के आधार पर चयन किया जाएगा।
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