वैसे भी राज्यों की सक्रिय भागीदारी के बगैर नीति का अमल मुश्किल है। मंत्रालय ने जा योजना बनाई है उसके तहत अगले दो महीनों में सभी राज्यों से नीति के अमल को लेकर चर्चा पूरी करनी है। जिन राज्यों के साथ पहले चर्चा की योजना बनाई गई है उनमें भाजपा और एनडीए शासित सभी राज्य शामिल हैं। शुरुआत मध्य प्रदश से होगी। मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के मुताब्रिक सभी राज्यों से चर्चा और प्लान सामने आ जाने के बाद इसे लेकर एक संयुक्त रणनीति तैयार होगी। जिसके आधार पर हीं नीति के अमल की दिशा तय होगी। मंत्रालय की ओर सं सभी राज्यों को नीति की प्रतियां पहले ही भर्जी जा चुकी है। मंत्रालय ने नीति के उन सभी अहम पहलुओं को अलग से सूचीबद्ध करना भी शुरू कर दिया है, जिन्हें बगैर कानूनी बदलाव किए सिर्फ सामान्य प्रशासनिक आदेशों से ही लागू किया जा सकता है। इनके लागू से होने से सरकार पर कोई खास वित्तीय ब्रोझ भी नहीं पड़ने वाला है।
वैसे भी राज्यों की सक्रिय भागीदारी के बगैर नीति का अमल मुश्किल है। मंत्रालय ने जा योजना बनाई है उसके तहत अगले दो महीनों में सभी राज्यों से नीति के अमल को लेकर चर्चा पूरी करनी है। जिन राज्यों के साथ पहले चर्चा की योजना बनाई गई है उनमें भाजपा और एनडीए शासित सभी राज्य शामिल हैं। शुरुआत मध्य प्रदश से होगी। मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के मुताब्रिक सभी राज्यों से चर्चा और प्लान सामने आ जाने के बाद इसे लेकर एक संयुक्त रणनीति तैयार होगी। जिसके आधार पर हीं नीति के अमल की दिशा तय होगी। मंत्रालय की ओर सं सभी राज्यों को नीति की प्रतियां पहले ही भर्जी जा चुकी है। मंत्रालय ने नीति के उन सभी अहम पहलुओं को अलग से सूचीबद्ध करना भी शुरू कर दिया है, जिन्हें बगैर कानूनी बदलाव किए सिर्फ सामान्य प्रशासनिक आदेशों से ही लागू किया जा सकता है। इनके लागू से होने से सरकार पर कोई खास वित्तीय ब्रोझ भी नहीं पड़ने वाला है।