सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एएम खानविलकर, दिनेश माहेश्वरी और संजीव खन्ना की पीठ ने शुक्रवार को अपना फैसला दिया। अभी सभी छात्रों को मूल्यांकन के तय पैटर्न के तहत अंक देकर रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा, लेकिन यदि बाद में कोई भी छात्र परीक्षा में शामिल होता है तो परीक्षाओं में मिलने वाले अंक को ही अंतिम माना जाएगा।
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वहीं सीबीएसई के बाद अब आइसीएसई भी छात्रों को बाद में अंकों में सुधार के लिए परीक्षा का एक विकल्प देने को तैयार हो गया है। बोर्ड ने शुक्रवार को कोर्ट को इसकी जानकारी दी है।
मूल्यांकन के ये होंगे चार पैटर्न
’ दसवीं और बारहवीं के ऐसे छात्र जिनकी सारी परीक्षाएं हो चुकी हैं, उनका रिजल्ट परीक्षाओं के प्रदर्शन के आधार पर घोषित होंगे।
’ जिनकी तीन से ज्यादा विषयों की परीक्षाएं हो चुकी हैं उनका मूल्यांकन उनके द्वारा दिए गए ऐसे तीन विषय, जिनमें सबसे ज्यादा अंक होंगे, उसके औसत के आधार पर प्रदान किया जाएगा।
’ जिनकी तीन विषयों की परीक्षाएं हो चुकी हैं उनका मूल्यांकन उनके द्वारा दी गई परीक्षाओं में ज्यादा अंक मिलने वाले दो विषयों के औसत अंकों के आधार पर किया जाएगा।
’ जिनकी अब तक सिर्फ एक या दो विषयों की ही परीक्षाएं हुई हैं, उनका रिजल्ट आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर घोषित किया जाएगा। इसमें सेमेस्टर परीक्षाएं व प्रैक्टिकल प्रोजेक्ट आदि शामिल होंगे।