डायरेक्टर जनरल स्कूल एजूकेशन ने अपने पत्र में कहा है कि कायाकल्प, मानव संपदा, एनआइएसटीएचए के तहत शिक्षक प्रशिक्षण, एआरपी के रूप में एकेडमिक लीडर्स का चयन जैसे कई महत्वपूर्ण कार्य हुए हैं। राज्य स्तर से एक दो महीने में चरणबद्ध ढंग से शैक्षणिक सामग्री कक्षाओं के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। इससे पठन पाठन की तस्वीर जन सामान्य को भी बदली हुई नजर आएगी। जिला समन्वयक डॉ. विनोद मिश्र ने बताया कि यह चौथे चरण की चयन प्रक्रिया है। उम्मीद है कि इस बार निर्धारित संख्या में एआरपी चयनित कर लिए जाएंगे। आवेदन के बाद अभ्यर्थियों की लिखित परीक्षा होगी। जो लोग न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करेंगे उनसे माइक्रो टीचिंग कराई जाएगी। उसके बाद साक्षात्कार होगा फिर मेरिट बनेगी। सभी चयनित एआरपी विद्यालयों में पहुंचकर शिक्षकों और विद्यार्थियों के साथ पठन पाठन कराएंगे, जिससे परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा का स्तर उठाया जा सके।
डायरेक्टर जनरल स्कूल एजूकेशन ने अपने पत्र में कहा है कि कायाकल्प, मानव संपदा, एनआइएसटीएचए के तहत शिक्षक प्रशिक्षण, एआरपी के रूप में एकेडमिक लीडर्स का चयन जैसे कई महत्वपूर्ण कार्य हुए हैं। राज्य स्तर से एक दो महीने में चरणबद्ध ढंग से शैक्षणिक सामग्री कक्षाओं के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। इससे पठन पाठन की तस्वीर जन सामान्य को भी बदली हुई नजर आएगी। जिला समन्वयक डॉ. विनोद मिश्र ने बताया कि यह चौथे चरण की चयन प्रक्रिया है। उम्मीद है कि इस बार निर्धारित संख्या में एआरपी चयनित कर लिए जाएंगे। आवेदन के बाद अभ्यर्थियों की लिखित परीक्षा होगी। जो लोग न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करेंगे उनसे माइक्रो टीचिंग कराई जाएगी। उसके बाद साक्षात्कार होगा फिर मेरिट बनेगी। सभी चयनित एआरपी विद्यालयों में पहुंचकर शिक्षकों और विद्यार्थियों के साथ पठन पाठन कराएंगे, जिससे परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा का स्तर उठाया जा सके।