कैग की इस रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश सरकार द्वारा तय प्रक्रिया के अनुसार सरकारी कर्मचारियों द्वारा मूल वेतन व महंगाई भत्ते का 10 प्रतिशत अपनी ओर से और इतना ही अंशदान प्रदेश सरकार द्वारा किया जाता है। इससे अंशदायी पेंशन योजना संचालित होती है। प्रदेश सरकार द्वारा तय प्रक्रिया के अनुसार दोनों अंशदानों को शुरुआत में पब्लिक एकाउंट के तहत शासकीय सहायता प्राप्त शैक्षिक संस्थाओं और स्वायत्तशासी निगम के कर्मचारियों के लिए और सरकारी कर्मचारियों के लिए जमा किया जाता था। उसके बाद महीने के अंशदान की पूरी धनराशि को अगले महीने तक ट्रस्टी बैंक को स्थानांतरित किया जाता था। मगर राज्य सरकार ने उपरोक्त प्रक्रिया का पूरी तरह से पालन नहीं किया। राज्य सरकार ने वित्तीय वष्र 2018-19 में अशंदायी पेंशन योजना के तहत शासकीय अंशदान के रूप में 1768.40 करोड़ रुपये का व्यय किया।
कैग की इस रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश सरकार द्वारा तय प्रक्रिया के अनुसार सरकारी कर्मचारियों द्वारा मूल वेतन व महंगाई भत्ते का 10 प्रतिशत अपनी ओर से और इतना ही अंशदान प्रदेश सरकार द्वारा किया जाता है। इससे अंशदायी पेंशन योजना संचालित होती है। प्रदेश सरकार द्वारा तय प्रक्रिया के अनुसार दोनों अंशदानों को शुरुआत में पब्लिक एकाउंट के तहत शासकीय सहायता प्राप्त शैक्षिक संस्थाओं और स्वायत्तशासी निगम के कर्मचारियों के लिए और सरकारी कर्मचारियों के लिए जमा किया जाता था। उसके बाद महीने के अंशदान की पूरी धनराशि को अगले महीने तक ट्रस्टी बैंक को स्थानांतरित किया जाता था। मगर राज्य सरकार ने उपरोक्त प्रक्रिया का पूरी तरह से पालन नहीं किया। राज्य सरकार ने वित्तीय वष्र 2018-19 में अशंदायी पेंशन योजना के तहत शासकीय अंशदान के रूप में 1768.40 करोड़ रुपये का व्यय किया।