किया गया है। इसके लिए हर प्राइमरी स्कूल को 5 हजार और हर जूनियर स्कूलको 10 हजार का बजट दिया है। पिछले वर्ष सरकार ने हर स्कूल में लाइब्रेरी अनिवार्य करते हुए इसकी खरीद एनसीईआरटी से करने के निर्देश दिए थे ताकि पारदर्शिता रहे और बच्चों तक उच्च गुणवत्ता वाली किताबें पहुंचे। हर खण्ड शिक्षा अधिकारी को जिले के गोदाम तक किताब पहुंचाने के लिए ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था करनी होगी। एनसीईआरटी के डिपो से किताबें लाने के लिए प्रति जिला 50 हजार से एक लाख रुपये तक दिए जाएंगे। किताबों की सप्लाई शुक्रवार से शुरू होनी है। हर जिले में 3.40 लाख किताबें जा रही हैं। लाइब्रेरी के लिए 80 किताबों का चयन किया है। इनमें कूदती जुराबें, गो ग्रीन, कैच मी, हमारा भारत वर्ष, चुन्नी और मुन्नी, नानी का चश्मा जैसी किताबें हैं।
किया गया है। इसके लिए हर प्राइमरी स्कूल को 5 हजार और हर जूनियर स्कूलको 10 हजार का बजट दिया है। पिछले वर्ष सरकार ने हर स्कूल में लाइब्रेरी अनिवार्य करते हुए इसकी खरीद एनसीईआरटी से करने के निर्देश दिए थे ताकि पारदर्शिता रहे और बच्चों तक उच्च गुणवत्ता वाली किताबें पहुंचे। हर खण्ड शिक्षा अधिकारी को जिले के गोदाम तक किताब पहुंचाने के लिए ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था करनी होगी। एनसीईआरटी के डिपो से किताबें लाने के लिए प्रति जिला 50 हजार से एक लाख रुपये तक दिए जाएंगे। किताबों की सप्लाई शुक्रवार से शुरू होनी है। हर जिले में 3.40 लाख किताबें जा रही हैं। लाइब्रेरी के लिए 80 किताबों का चयन किया है। इनमें कूदती जुराबें, गो ग्रीन, कैच मी, हमारा भारत वर्ष, चुन्नी और मुन्नी, नानी का चश्मा जैसी किताबें हैं।