मुख्य न्यायाधीश ने 24 जुलाई को घोषित व्यवस्था को फिर से लागू करने का फैसला लिया है। इसके तहत 24 अगस्त से हाईकोर्ट में 32 अदालतें बैठेंगी। वहीं, 17 अगस्त को घोषित योजना के तहत 25 अगस्त से 10 से 21 अगस्त तक के निर्धारित तारीखों के अनुसार मुकदमों की सुनवाई की जाएगी। वरिष्ठ अधिवक्ता वशिष्ठ तिवारी का कहना है कि लंबित मुकदमों की संख्या अधिक है। मुकदमे तेजी से निस्तारित करने के लिए कोर्ट की संख्या बढ़ाने की जरूरत है। इसके लिए 60-70 कोर्ट बैठाने की जरूरत है।
मुख्य न्यायाधीश ने 24 जुलाई को घोषित व्यवस्था को फिर से लागू करने का फैसला लिया है। इसके तहत 24 अगस्त से हाईकोर्ट में 32 अदालतें बैठेंगी। वहीं, 17 अगस्त को घोषित योजना के तहत 25 अगस्त से 10 से 21 अगस्त तक के निर्धारित तारीखों के अनुसार मुकदमों की सुनवाई की जाएगी। वरिष्ठ अधिवक्ता वशिष्ठ तिवारी का कहना है कि लंबित मुकदमों की संख्या अधिक है। मुकदमे तेजी से निस्तारित करने के लिए कोर्ट की संख्या बढ़ाने की जरूरत है। इसके लिए 60-70 कोर्ट बैठाने की जरूरत है।