New Education Policy 2020
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New Education Policy : अब किताबी ज्ञान के अलावा भी बहुत कुछ सीखेंगे बच्चे, अप्रैल 2023 से नई किताबें, बस्ते का बोझ होगा कम, पाठ्यक्रम का आकार 40 फीसद घटेगा
New Education Policy : अब किताबी ज्ञान के अलावा भी बहुत कुछ सीखेंगे बच्चे, अप्रैल 2023 से नई किताबें, बस्ते का बोझ होगा कम, पाठ्यक्रम का आकार 40 फीसद घटेगा
नई शिक्षा नीति के बाद अब सभी की निगाहें स्कूली पाठ्यक्रम में होने वाले बदलावों पर है। हर कोई इसको लेकर उत्सुक है कि इतिहास, राजनीति शास्त्र, कला-संस्कृति जैसे विषयों से क्या हटेगा और और क्या जुड़ेगा। हालांकि एनसीईआरटी ने स्पष्ट किया है कि प्रस्तावित नीति के तहत ही पाठ्यक्रम में बदलाव होंगे। शिक्षा नीति की तरह पाठ्यक्रम भी विवादों से दूर रहेगा। हालांकि, यह जरूर है कि पाठ्यक्रम का आकार 30 से 40 फीसद तक कम हो जाएगा। यानी बस्ते का बोझ कम होगा और बच्चों को अन्य गतिविधियों से जोड़ा जाएगा। उनके लिए कोडिंग, कोई एक स्किल कोर्स और योग जैसी गतिविधियों में शामिल होना जरूरी होगा।
नई शिक्षा नीति के अमल का जो सूत्रवाक्य तय किया गया है, वह ‘नेशन फस्र्ट- करेक्टर मस्ट’ है। यानी नई पीढ़ी को अब जो भी पढ़ाया जाएगा, उसमें राष्ट्रीय हित के साथ चरित्र निर्माण पर फोकस रहेगा। स्कूलों के लिए पाठ्यक्रम तैयार करने का जिम्मा राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के पास है। इसके मुताबिक पाठ्यक्रम में क्या रखना है, क्या हटाना है, इसका पूरा खाका तैयार किया जा रहा है। यह काम इस साल के अंत तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद नई शिक्षा नीति के प्रस्ताव के तहत इसमें क्या शामिल किया जाएगा, इसका फैसला लिया जाएगा। जो पाठ्यक्रम में बदलाव का दूसरा चरण होगा।
इसका अगला चरण विषय निर्धारित पाठ्यक्रम के तहत विषय वस्तु का चुनाव होगा, जिसका फैसला विषयवार गठित एक उच्च स्तरीय कमेटी करती है। इसके बाद किताब लेखन का काम होता है।
अप्रैल 2023 से नई किताबें
नई शिक्षा नीति में स्कूली पाठ्यक्रम में बदलाव का जो प्रस्ताव किया है, उसे लेकर काम तो शुरू हो गया है, लेकिन बदली हुई किताबों को आने में दो साल से ज्यादा समय लगेगा। एनसीईआरटी के निदेशक ऋषिकेश सेनापति के मुताबिक जो योजना बनी है, उसके तहत नई किताबें 2022 में ही तैयार हो जाएगी, लेकिन इतने बड़े पैमाने पर किताबों की प्रिटिंग आदि के चलते यह सभी बच्चों को पढ़ने के लिए अप्रैल 2023 से ही मिल पाएंगी। स्कूली शिक्षा में पहली बार शामिल किए गए प्री-प्राइमरी के लिए भी नई किताबें बनाने का काम चल रहा है। जिनकी किताबें अगले शैक्षणिक सत्र तक आ सकती है।