समन्वयक सुनीता चौधरी ने बताया कि परिचयपत्र बनाने के लिए मार्च में ही टेंडर हुए थे। उसके बाद लॉकडाउन लग गया। वित्तीय सत्र बीत जाने की वजह से जो बजट आया था वह फंस गया। बाद में उस बजट को पुन: जारी करवाने के लिए शासन को पत्र लिखा गया। अब बजट की अनुमति मिल गई है। जिलाधिकारी से भी अनुमति के लिए पत्र लिखा जा रहा है। जेम पोर्टल के जरिए टेंडर होंगे। शुरू में करीब 11 हजार शिक्षकों के परिचयपत्र बनने हैं।
समन्वयक सुनीता चौधरी ने बताया कि परिचयपत्र बनाने के लिए मार्च में ही टेंडर हुए थे। उसके बाद लॉकडाउन लग गया। वित्तीय सत्र बीत जाने की वजह से जो बजट आया था वह फंस गया। बाद में उस बजट को पुन: जारी करवाने के लिए शासन को पत्र लिखा गया। अब बजट की अनुमति मिल गई है। जिलाधिकारी से भी अनुमति के लिए पत्र लिखा जा रहा है। जेम पोर्टल के जरिए टेंडर होंगे। शुरू में करीब 11 हजार शिक्षकों के परिचयपत्र बनने हैं।