महत्वपूर्ण केवल यह नहीं है कि राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी अलग-अलग नौकरियों के लिए साझा पात्रता परीक्षा आयोजित करेगी, बल्कि यह भी है कि इस परीक्षा की मेरिट लिस्ट तीन साल के लिए मान्य होगी। फिलहाल राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी रेलवे और बैंकों के साथ कर्मचारी चयन आयोग के तहत होने वाली भर्तियों के लिए साझा पात्रता परीक्षा आयोजित करेगी। इसका कारण संभवत: उचित व्यवस्था के निर्माण के साथ हर जिले में एक परीक्षा केंद्र बनाने के लक्ष्य को हासिल किया जाना है। जो भी हो, यह व्यवस्था इस तरह बनाई जानी चाहिए जिससे वह पारदर्शी होने के साथ भरोसेमंद भी बने। राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के जरिये होने वाली साझा पात्रता परीक्षा इस तरह होनी चाहिए जिससे उसकी विश्वसनीयता को लेकर कहीं कोई सवाल न उठने पाएं, क्योंकि हाल के समय में कुछ प्रतियोगी परीक्षाओं की विश्वसनीयता पर सवालिया निशान लगे हैं। राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के जरिये साझा पात्रता परीक्षा की तैयारी के साथ यह भी उचित होगा कि केंद्रीय सेवाओं में रिक्त पड़े पदों को समय रहते भरने में तत्परता का परिचय दिया जाए। जो पद समाप्त किए जाने हैं वे समाप्त किए जाएं, लेकिन शेष रिक्त पदों की भर्ती प्राथमिकता के आधार पर की जानी चाहिए। अच्छा होगा कि राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के गठन के फैसले को राज्य सरकारें अपने लिए अनुकरणीय उदाहरण समङों। कुछ ऐसा ही फैसला उन्हें भी लेना चाहिए।
महत्वपूर्ण केवल यह नहीं है कि राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी अलग-अलग नौकरियों के लिए साझा पात्रता परीक्षा आयोजित करेगी, बल्कि यह भी है कि इस परीक्षा की मेरिट लिस्ट तीन साल के लिए मान्य होगी। फिलहाल राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी रेलवे और बैंकों के साथ कर्मचारी चयन आयोग के तहत होने वाली भर्तियों के लिए साझा पात्रता परीक्षा आयोजित करेगी। इसका कारण संभवत: उचित व्यवस्था के निर्माण के साथ हर जिले में एक परीक्षा केंद्र बनाने के लक्ष्य को हासिल किया जाना है। जो भी हो, यह व्यवस्था इस तरह बनाई जानी चाहिए जिससे वह पारदर्शी होने के साथ भरोसेमंद भी बने। राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के जरिये होने वाली साझा पात्रता परीक्षा इस तरह होनी चाहिए जिससे उसकी विश्वसनीयता को लेकर कहीं कोई सवाल न उठने पाएं, क्योंकि हाल के समय में कुछ प्रतियोगी परीक्षाओं की विश्वसनीयता पर सवालिया निशान लगे हैं। राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के जरिये साझा पात्रता परीक्षा की तैयारी के साथ यह भी उचित होगा कि केंद्रीय सेवाओं में रिक्त पड़े पदों को समय रहते भरने में तत्परता का परिचय दिया जाए। जो पद समाप्त किए जाने हैं वे समाप्त किए जाएं, लेकिन शेष रिक्त पदों की भर्ती प्राथमिकता के आधार पर की जानी चाहिए। अच्छा होगा कि राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के गठन के फैसले को राज्य सरकारें अपने लिए अनुकरणीय उदाहरण समङों। कुछ ऐसा ही फैसला उन्हें भी लेना चाहिए।