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    शिक्षामित्र बना पीसीएस(PCS) : शिक्षामित्र से लेकर तय किया पीसीएस तक का सफर

    रुकना तेरा काम नहीं चलना तेरी शान, कुछ लोग इस वाक्य को अपना जीवनसूत्र बना लेते हैं। वे तब तक नहीं रुकते, जब तक मंजिल नहीं मिल जाती। इस दौरान कई पड़ावों को पार करते हुए अंततः मंजिल को पाने में सफल हो ही जाते हैं। नगर के रजा डिग्री कॉलेज में भूगोल विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अजय विक्रम सिंह के जीवन में भी कुछ ऐसा ही हुआ है। उन्होंने पीसीएस परीक्षा 87वीं रैंक लेकर पास की है। उनका चयन डीएसपी के लिए हुआ है। डॉ. अजय मूलतः मुरादाबाद जनपद के बिलारी के सिहारी माला गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने 2002 में भूगोल में एमए करने के बाद कॅरियर की शुरुआत शिक्षामित्र के रूप में की। फिर 2007 में नेट क्वालिफाई किया।
    लेकिन, लक्ष्य था पीसीएस ऑफिसर बनना। इसलिए पढ़ाई जारी रही। जॉब करते, साथ ही अध्ययन भी। पढ़ाई का शौक ऐसा कि कई डिग्रियां ले डालीं। बताते हैं कि 2013, 14 और 16 में पीसीएस का एग्जाम दिए लेकिन, तीनों बार साक्षात्कार में कहानी लटक गई। 2018 में पुनः प्रयास किया। इस बार सफलता मिली। इसमें उन्हें 87वीं रैंक मिली थी। कहते हैं कि यदि कोई लक्ष्य आपने बनाया है सफलता मिलने तक हार नहीं माननी चाहिए। हमने भी ऐसा ही किया और लगातार प्रयास करते रहे। आखिरकार कामयाबी मिल ही गई।

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    शिक्षक भर्ती

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